छपरा। छपरा शहर के मुगलकालीन खनुआ नाला पर बने अवैध दुकानों पर एक बार फिर से प्रशासन की बुलडोजर चली है। एनजीटी के आदेश पर खनुआ नाला बने दुकानों को तोड़ा जा रहा है। इस दौरान गुरूवार को छपरा शहर के मौना साढ़ा रोड में कई दुकानों को तोड़ा गया।
जिला प्रशासन के द्वारा लगातार अभियान चलाकर सभी दुकान को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है ताकि एनजीटी के आदेश एवं खनुआ नाला की सफ़ाई एवं storm water drainage खनुआ नाला पर बन सके। यह प्रक्रिया नगर को जल जमाव की समस्या में निजात दिलाने में भी मददगार साबित करेगी | सदर एसडीओ, डीसीएलआर, एएसडीम, नगर प्रबंधक एवं अन्य दंडाधिकारी द्वारा स्थल पर पहुंचकर दुकानों को तोड़ा गया। चार जेसीबी नगर निगम के तरफ से एवं अतिरिक्त मानव बल लगाकर खनुआ नाले पर बने दुकान को तोड़ा जा रहा है| पर्याप्त मात्रा में ट्रैक्टर सफाई कर्मी एवं नगर निगम के कर्मी को लगाया गया है। इसके लिए लगातार माइकिंग के माध्यम से प्रचार प्रसार कराया जा रहा है ।
![](https://sanjeevanisamachar.com/wp-content/uploads/2024/06/20240610_155843.png)
![](https://sanjeevanisamachar.com/wp-content/uploads/2024/02/20231109_100458-scaled.jpg)
![](https://sanjeevanisamachar.com/wp-content/uploads/2024/01/rishav-ji.jpg2-1-Copy.jpg)
![](https://sanjeevanisamachar.com/wp-content/uploads/2024/01/20240121_123355.png)
मुगल काल में छपरा शहर में खनुआ नाला का निर्माण किया गया था. जिससे सरयू नदी के पानी को दियारा इलाके में भेजा जा सके और शहर के पानी का निष्कासन इसी नाले से होता था, जो सरयू नदी में जाकर मिलता था.
मुगलकाल के समय में खनुआ एक नहर हुआ करता था ।जिससे होकर व्यापार होता था।नावें आती और जाती थी।अकबर के समय में राजा टोडरमल अकबर के राजस्व और वित्तमंत्री थे।उसी ने 1574 में नहर का निर्माण कराया था।कलांतर में वह नाला बन गया और सर्कीण होते गया।
![](https://sanjeevanisamachar.com/wp-content/uploads/2024/01/PNG-FILE-2.png)
450 साल बाद 1995 में जिला प्रशासन ने खनुआ नाला पर 386 दुकानें बना दी।नगरपालिका ने सभी लोगों को आवंटित भी कर दिया।
आज से लगभग 27 साल पहले सारण जिला के तत्कालीन डीएम आरके श्रीवास्तव ने खनुआ के ऊपर दुकानों का निर्माण करवा दिया. इसका एलॉटमेंट दुकानदारों को कर दिया गया, तब से आज तक यह दुकानदार इस पर काबिज थे और बाकायदा नगर निगम इन दुकानों से किराया भी वसूलता रहा है. इसके बाद कुछ लोगों के द्वारा यह मामला एनजीटी में उठाया गया और एनजीटी ने आदेश दिया कि खनुआ नाला को उसके मूल स्वरूप में लाया जाए और इसका जीर्णोद्धार किया जाए। 13 सितंबर को सुनवाई में एनजीटी ने खनुआ नाला से दुकान तोड़ने व अतिक्रमण को हटाने के लिए 30 दिन का समय दिया था। राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रधान और चार सदस्यों वाली पूर्ण खंडपीठ ने पूर्व में आदेश खनुआ नाला से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था ।
![](https://sanjeevanisamachar.com/wp-content/uploads/2024/02/20231109_100458-scaled.jpg)