छपरा के रहने वाले युवा रंगकर्मी जहांगीर को मिला फादर जेकब नुक्कड़ नाटक कला श्री पुरस्कार

छपरा
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छपरा। बिहार के सबसे पुराने नुक्कड़ नाटक महोत्सव जश्न -ए -नुक्कड़ जिसका आयोजन संत जेवियर्स मैनेजमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना के द्वारा किया जाता है और हर वर्ष इस आयोजन में फादर जेकब नुक्कड नाटक कला श्री सम्मान एक रंगकर्मी को उनके रंगमंच में विशेष योगदान के लिए प्रदान किया जाता है ये बिहार का एक प्रतिष्ठित रंग सम्मान है ।
इस वर्ष का फादर जेकब नुक्कड नाटक कला श्री सम्मान 2024 बिहार के युवा रंगकर्मी जहांगीर खान को प्रदान किया गया है इससे पहले इस सम्मान से वरिष्ठ रंगकर्मी तनवीर अख्तर एवं संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ रंगकर्मी संजय उपाध्याय को प्रदान किया जा चुका है ।

जहांगीर को इससे पहले भी कई राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं , उन्हें वर्ष 2015- 16 में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के द्वारा रंगमंच के क्षेत्र में में कार्य करने हेतू राष्ट्रीय फेलोशिप प्रदान किया गया, रंगमंच के क्षेत्र में काम करने हेतू आपको बिहार का प्रतिष्ठित सम्मान रंगकर्मी प्रवीण स्मृति सम्मान 2016 से सम्मनित किया गया। आपको राजेंद्र महाविद्यालय, छपरा में विद्यार्थी रहते हुऐ भारत सरकार खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2008 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना 2006-07 के राष्ट्रीय सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
जहांगीर पिछले 13 वर्षो से बिहार रंगमंच में सक्रिय, छपरा के ग्रामीण रंगमंच से रंगमंच की शुरुआत करने के बाद उन्होंने देश के प्रतिष्ठित नाट्य विद्यालय, मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय, भोपाल से रंगमंच की शिक्षा प्राप्त की उन्हें वर्ष 2017 में मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय से ही इंटर्नशिप प्रदान किया गया, जिसके अतंरगत उन्होंने पटना में पुरे एक वर्ष तक निःशुल्क नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें लगभग 200 से ज्यादा युवा जुड़े, जो आज देश के अलग – अलग नाट्य विद्यालयों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों में सक्रिय हैं।

इस कार्यशाला से बिहार में कम्युनिटी थियेटर को एक गति प्रदान हुई तब से वे लगातार बिहार के विभिन्न जिलों में एक निदेशक के रूप में रंगमंच को बढ़ावा देने हेतु अभिनय कार्यशाला का आयोजन कर नए युवाओं को रंगमंच का गहन प्रशिक्षण दे रहे हैं । देश के विभिन्न राज्यों में अभिनय कार्यशालाओं में एक निदेशक व प्रशिक्षक के रूप में लगातार सक्रिय हैं, अब तक लगभग एक दर्जन से अधिक कहानियों व नाटकों का मंचन अपने निर्देशन में कर चुके हैं । आपके निर्देशन में अब तक लगभग 300 नुक्कड़ नाट्य प्रस्तुतियां हुई हैं ।

जहांगीर एक रंगकर्मी अभिनेता व निदेशक के रुप में अपनी एक रंग भाषा की खोज कर रहे हैं, जिसे कहानियों के रंगमंच के विस्तार की शैली के रूप में देखा जा सकता है जिसमें वे खाली मंच में प्रतीकों, रंगों और लोकधुनों के साथ ही सबसे महत्वपूर्ण अभिनेता के शरीर से कहानी कहने के नए तरीके को गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। वर्तमान में अपनी रंग संस्था आशा रिपर्टरी के साथ बिहार रंगमंच में सक्रिय हैं ।