
पटना: वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WJAI) के संवाद कार्यक्रम के पांचवे एपिसोड में “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उसकी कानूनी सीमाएं – संवैधानिक दृष्टि में पत्रकारिता” विषय पर एक महत्वपूर्ण चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का संचालन WJAI के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. माधो सिंह ने किया। उन्होंने पत्रकारों के लिए संविधान में निर्धारित सीमाओं और अधिकारों पर विस्तृत चर्चा की।
अभिव्यक्ति की आज़ादी और उसके बंधन:
कार्यक्रम में डॉ. माधो सिंह ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 19A (क) के तहत हर भारतीय नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है, जिसमें पत्रकारों का भी अधिकार निहित है। हालांकि, इस स्वतंत्रता के बावजूद कई सीमाएं हैं, जिन्हें समझना और पालन करना जरूरी है। डॉ. सिंह ने बताया कि पत्रकारों को खबर लिखने, जानकारी प्राप्त करने और सूचना के अधिकार के तहत काम करने की स्वतंत्रता है, लेकिन यह स्वतंत्रता पूरी तरह से अनियंत्रित नहीं है।




उन्होंने आगे कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19A (2) के तहत यह स्वतंत्रता कुछ सीमाओं से बंधी होती है। पत्रकार अपनी खबरों के माध्यम से देश की एकता और अखंडता को खतरे में नहीं डाल सकते, न ही राज्य की सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि पत्रकार किसी खबर में शिष्टाचार का पालन नहीं करते, तो उनकी स्वतंत्रता खत्म हो जाती है।
पत्रकारों में जानकारी की कमी:
डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि कई बार पत्रकारों को उनके द्वारा प्रकाशित खबरों के संबंध में शिकायतों का सामना करना पड़ता है, और कुछ मामलों में पत्रकार अपने सूत्रों की पहचान उजागर कर देते हैं। हालांकि, इस मामले में संविधान में कोई स्पष्ट कानून नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक निर्णय में कहा है कि पत्रकारों से उनके स्रोतों के बारे में नहीं पूछा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पत्रकारों को हमेशा अपने अधिकारों, कर्तव्यों और सीमाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। साथ ही, डिजिटल पत्रकारों की जिम्मेदारी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारों से अधिक होती है, क्योंकि वे एक बड़े और तेजी से बढ़ते प्लेटफॉर्म पर काम करते हैं।
डिजिटल पत्रकारों की जिम्मेदारी:
डॉ. सिंह ने डिजिटल मीडिया के पत्रकारों के लिए भी विशेष बातें साझा की। उन्होंने कहा कि जैसे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए मानक नियमन इकाइयाँ हैं जो उन्हें गाइडलाइन्स देती हैं, उसी तरह डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी उन गाइडलाइन्स का पालन करना चाहिए। डिजिटल पत्रकारिता की जिम्मेदारी अधिक होती है, इसलिए उन्हें अपनी सीमाओं को समझते हुए पत्रकारिता करनी चाहिए।
कार्यक्रम का समापन:
कार्यक्रम का स्वागत भाषण WJAI की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. लीना ने दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय संयुक्त सचिव नलिनी भारद्वाज और संचालन राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन ने किया। संवाद कार्यक्रम में WJAI के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी, सदस्य और देश भर से पत्रकारों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
यह संवाद कार्यक्रम पत्रकारिता के क्षेत्र में अभिव्यक्ति की आज़ादी और उसकी सीमाओं को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, खासकर डिजिटल पत्रकारिता के बढ़ते प्रभाव के दौर में।
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