Chhapra News: बेटी की चीख सुनकर बचाने के लिए दौड़ी मां, बिजली की चपेट में आने से दोनों की मौत
करंट से मां-बेटी समेत तीन की दर्दनाक मौत, गांव में पसरा मातम

छपरा/तरैया। सारण जिले में करंट की चपेट में आने से अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें एक 12 वर्षीय बच्ची, उसकी मां और एक किशोरी शामिल है। दोनों ही घटनाओं से संबंधित गांवों में मातम पसरा हुआ है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पहली घटना: प्लग लगाते वक्त करंट से मां-बेटी की मौत
पहली घटना छपरा शहर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के तेनुआ गांव की है, जहां करंट लगने से मां और बेटी की मौत हो गई। मृतकों की पहचान शनि कुमार राम की 45 वर्षीय पत्नी रेणु देवी और उनकी 12 वर्षीय पुत्री माला कुमारी के रूप में की गई है।
परिजनों के अनुसार, माला कमरे में लगे पंखे का प्लग लगा रही थी तभी उसे जोरदार करंट का झटका लगा। बेटी को तड़पते देख मां रेणु देवी उसे बचाने दौड़ीं, लेकिन जैसे ही उन्होंने माला को खींचने का प्रयास किया, वे भी करंट की चपेट में आ गईं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। परिजन आनन-फानन में उन्हें सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद न केवल परिवार में बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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दूसरी घटना: टूटी विद्युत तार से झुलसी किशोरी की मौत
दूसरी हृदयविदारक घटना तरैया प्रखंड के चैनपुर खराटी गांव की दलित बस्ती में घटी। यहां वीरनारायण राम की 16 वर्षीय पुत्री शिल्पी कुमारी की मौत बिजली के तार की चपेट में आने से हो गई।
जानकारी के अनुसार, शिल्पी के घर में बीपीएल योजना के तहत विद्युत कनेक्शन तो दिया गया था, लेकिन बिजली मीटर से जुड़े तार काफी पुराने और जर्जर हो चुके थे। अचानक मीटर से जुड़ा तार टूटकर नीचे गिर गया, जिससे शिल्पी उसमें उलझ गई और बुरी तरह झुलस गई। उसे तत्काल तरैया रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही तरैया थाना पुलिस अस्पताल पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रविवार को शव परिजनों को सौंप दिया गया।
घटना की जानकारी मिलने पर सरपंच प्रतिनिधि शत्रुध्न महतो, समाजसेवी देवनाथ राम, सुरेश राम और अन्य ग्रामीण पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें ढांढ़स बंधाया। गांव में गहरा शोक व्याप्त है।
जरूरी सवाल और लापरवाही पर उठे सवाल
इन घटनाओं ने ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था की खामियों और जागरूकता की कमी को उजागर कर दिया है। खासतौर पर जर्जर तार, लो वोल्टेज, फाल्टिंग उपकरण और आपात सुरक्षा की तैयारियों में भारी कमी देखी जा रही है। स्थानीय प्रशासन व बिजली विभाग से लोगों ने इन हादसों की गंभीर जांच और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।