Women Empowerment: अब घर की दहलीज़ से शुरू होगी आर्थिक आज़ादी, महिलाओं को रोजगार के लिए सरकार देगी 2 लाख रूपये
10 हजार की पहली किस्त से शुरू होगा आत्मनिर्भरता का सफर

पटना। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और हर परिवार की एक महिला को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” की औपचारिक शुरुआत की। राजधानी पटना स्थित 1 अणे मार्ग संकल्प से उन्होंने आवेदन प्रक्रिया का शुभारंभ किया। साथ ही नगर क्षेत्र की महिलाओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के दौरान जागरूकता बढ़ाने के लिए 250 प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो राज्य के अलग-अलग इलाकों में जाकर योजना की जानकारी फैलाएंगे।
योजना का उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का मुख्य लक्ष्य हर परिवार की कम से कम एक महिला को उनकी पसंद का रोजगार शुरू करने का अवसर देना है।
- प्रारंभिक चरण में महिलाओं को 10,000 रुपये की प्रथम किस्त सीधे उनके बैंक खाते में दी जाएगी।
- उद्यम शुरू करने और उसके आकलन के बाद महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास विभाग और जीविका संगठन के सहयोग से किया जाएगा, ताकि लाभ अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि इस पहल से महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, राज्य के भीतर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और मजबूरी में बाहर पलायन करने की प्रवृत्ति कम होगी।
आत्मनिर्भरता और उद्यमिता पर जोर
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य केवल वित्तीय सहायता देना नहीं है, बल्कि महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के रास्ते पर अग्रसर करना है। महिलाएं इस राशि का उपयोग छोटे उद्योग, दुकान, सेवा केंद्र, ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई, फूड प्रोसेसिंग यूनिट या किसी अन्य रोजगार शुरू करने में कर सकती हैं। उन्होंने कहा “जब महिला आत्मनिर्भर होती है, तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और पूरा परिवार तरक्की की राह पर चलता है। महिला सशक्तिकरण के बिना समाज का विकास अधूरा है।”
महिलाओं की भागीदारी और उत्साह
कार्यक्रम में मौजूद कई महिलाओं ने योजना को ऐतिहासिक बताया। कुछ महिलाओं ने कहा कि अब उन्हें अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का मौका मिलेगा। किसी ने सिलाई-कढ़ाई केंद्र खोलने की इच्छा जताई, तो किसी ने ब्यूटी पार्लर अथवा किराना दुकान खोलने का संकल्प लिया। उनकी प्रतिक्रियाओं से साफ था कि यह योजना महिलाओं में आत्मविश्वास और नई ऊर्जा का संचार कर रही है।
पारदर्शिता और शिकायत निवारण
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। यदि किसी स्तर पर आर्थिक अनियमितता या अनुचित मांग की शिकायत मिलती है, तो उसकी सीधी रिपोर्ट जिला परियोजना प्रबंधक को की जा सकती है। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
भविष्य की संभावनाएँ
यह योजना बिहार की महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी नई जान डालेगी। ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में महिला उद्यमिता बढ़ेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह योजना पूरी तरह प्रभावी तरीके से लागू होती है, तो यह बिहार को महिला उद्यमिता और सामाजिक-आर्थिक विकास के क्षेत्र में एक नई पहचान दिला सकती है।