रिविलगंज के इस मंदिर में आज भी मौजूद है भगवान श्रीराम के पैरों के निशान, गंगा और सरयू नदी के संगम पर लगता नहान मेला

छपरा
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छपरा। सारण के रिविलगंज प्रखंड के गौतम स्थान में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा और सरयू नदी के संगम स्थली पर हर साल लगने वाला गोदना-सेमरिया नहान मेला धार्मिक, पौराणिक तथा ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां विशाल व भव्य मेला लगता है.जिसमें श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ता है. प्रशासन भी इस मेले को लेकर काफी तैयारियां करता है.

पत्नी अहिल्या का भगवान राम ने पैरों से छूकर उद्धार किया था

पौराणिक मान्यता है कि गौतम स्थान में मौजूद मंदिर में भगवान राम के पैरों के निशान मौजूद हैं, जहां गौतम ऋषि की शापित पत्नी अहिल्या का भगवान राम ने पैरों से छूकर उद्धार किया था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गौतम स्थान में हजारों की संख्या में लोग सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं तथा पुण्य के भागी बनते हैं.

धार्मिक दृष्टिकोण से देश में चार महत्वपूर्ण धार्मिक क्षेत्र आते हैं, जिसमें गौतम क्षेत्र भी एक है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मोक्ष दायिनी सरयू नदी में स्नान ध्यान, पूजा-अर्चना के बाद दान देने को लेकर कई धार्मिक किवदंतियां रामचरित मानस में वर्णित हैं.  मंदिर में भगवान राम के चरण के छाप आज भी मौजूद है जिसकी पूजा करने देश के कोने कोने से लोग यहाँ आते है.

मंदिर आज भी उपेक्षित है

बहरहाल भगवान राम से जुड़ा यह मंदिर आज भी उपेक्षित है. सरकार ने यहां लगने वाले मेले को राजकीय मेले का दर्जा तो दे दिया, लेकिन मंदिर को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा आज भी अधर में लटकी हुई है. मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना अब तक अधर में लटकी हुई है। सरकार ने इस स्थान को पर्यटन स्थल बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं, जबकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।

प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की आवश्यकता

गौतम स्थान के मंदिर और मेला को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है ताकि यह धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल पूरे देश और विदेश में अधिक प्रसिद्ध हो सके और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। स्थानीय लोग और श्रद्धालु उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी, ताकि गौतम स्थान का महत्व और बढ़े और यह स्थान एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सके।