सारण के एक ऐसे युवा की कहानी, जो अबतक 1500 से अधिक शवों का कर चुका है अंतिम संस्कार

छपरा। अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ऐ दिल जमाने के लिए….। यह पंक्ति सारण के रविरंजन सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है। 11 साल की अवस्था से अब तक सैकड़ों चिताएं जला चुके हैं। तब पिता के खर्च से गरीबों की चिताएं जलती थीं और अब स्वयं के पैसे से। यह नेक […]

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सारण प्रमंडल का एक ऐसा गांव, जहां बेटियों को दहेज में दी जाती है नाव

सीवान। बेटी की शादी में दहेज के रूप में माता-पिता पैसे, गाड़ी जेवर या फर्नीचर जैसी चीजें देते हैं. लेकिन बिहार के सिवान जिले में एक ऐसा गांव हैं, जहां बेटियों को दहेज में नाव दिया जाता है. इसके कारण गुठनी प्रखंड के गुठनी बाजार से 2 किलोमीटर दूर स्थित तीर बलुआ गांव सभी के […]

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