
सीवान। आय से अधिक संपत्ति के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सिवान के कार्यपालक अभियंता (वर्तमान में नगर कार्यपालक पदाधिकारी) अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। ईओयू की टीम ने एक साथ तीन जगहों पर छापेमारी की लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आवास, पटना के रुकनपुरा स्थित फ्लैट और सिवान नगर परिषद कार्यालय परिसर। इस दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से जुड़े कई दस्तावेज और सबूत जुटाए गए।
71 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का आरोप
जांच में अब तक यह सामने आया है कि अनुभूति श्रीवास्तव ने अपनी वैध आय से करीब 71 लाख 1 हजार 908 रुपये अधिक की परिसंपत्ति अर्जित की है। यह उनकी घोषित आय से लगभग 79 प्रतिशत अधिक है। इस मामले को लेकर 18 अगस्त 2025 को आर्थिक अपराध थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पहले भी फंसे थे भ्रष्टाचार के मामले में
यह पहली बार नहीं है जब श्रीवास्तव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा हो। अगस्त 2021 में भी विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। उस समय जांच में उनके खिलाफ ठोस साक्ष्य मिलने पर उन्हें निलंबित भी किया गया था। हालांकि, कुछ महीने पूर्व ही वह निलंबन से मुक्त हुए और उन्हें सिवान नगर परिषद में नगर कार्यपालक पदाधिकारी की पोस्टिंग दी गई। अब दोबारा उन पर कार्रवाई होने से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
कोर्ट में चल रहा है पुराना मामला
2021 के मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और यह मामला इस समय कोर्ट में विचाराधीन है। अब एक और मामला दर्ज होने के बाद श्रीवास्तव की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
ईओयू की जांच जारी
ईओयू की टीम ने जिन ठिकानों पर छापेमारी की, वहां से मिले दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में श्रीवास्तव से पूछताछ की जाएगी और अगर जरूरी हुआ तो उन्हें हिरासत में भी लिया जा सकता है। लगातार दूसरी बार भ्रष्टाचार के मामले में फंसने से यह साफ हो गया है कि नगर परिषद के कार्यों में गड़बड़ी और पद का दुरुपयोग करने की शिकायतें निराधार नहीं थीं।