छपरा

शिक्षक हीं होते हैं बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माता : डॉ अनिल

छपरा। शहर के जानटोला स्थित सारण फिजिकल एकेडेमी में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस गुरुवार को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया गया। इस मौके पर सारण फिजिकल एकेडेमी के छात्र छात्राओं ने सारण फिजिकल एकेडेमी संस्थापक मिंटू कुमार एवं सारण कम्पटीसन ऐकेडमी के शिक्षकों को सम्मानित किया। इसके पूर्व मिंटू कुमार द्वारा केक काटा गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे छपरा शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अनिल कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षक की भूमिका बच्चों के उज्जवल भविष्य को तरासने और सवारने का कार्य करती है। शिक्षक के द्वारा दिए गए ज्ञान से बच्चे अपनी जिन्दगी में कामयाम होते है। शिक्षकों का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि समाज में स्थापित बुराईयों को दूर कर उनका व्यक्तिव निर्माण करना भी है।

शिक्षा का अर्थ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि अनुशासन में रखकर चरित्र निर्माण, सद्गुणी, संस्कारी एवं स्वच्छ विचार उत्पन्न करने का होता है। शिक्षक अपने ज्ञान और अनुभव से बच्चों में अच्छे संस्कार डालते है, जिससे वे अनुशासन के साथ जीवन के संघर्ष को प्राप्त शिक्षा से सरल बनाने की कला सीखते हैं।  इस मौके पर लायंस शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों के जन्म के बाद प्रथम गुरू माता-पिता ही होते है, जो घर पर बच्चों में व्यवहारिक ज्ञान, संस्कार डालते हैं। लेकिन गुरू का स्थान माता-पिता के बढ़कर होता है। जिस प्रकार किसी इमारत को मजबूती प्रदान करने के लिए उसकी नींव मजबूत बनानी होती है, ठीक उसी प्रकार बच्चों को छोटी उम्र से ही संस्कार डालने होते है, जो शिक्षक ही उसके उज्जवल भविष्य के लिए संस्कार, भौतिक, सामाजिक और आध्यात्मिकता की शिक्षा दे सकता है।

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छात्रों ने सभी शिक्षकों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। छात्रों के इस इस प्यार सम्मान के लिए सभी शिक्षकों ने दिल से आभार व्यक्त किया।

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इस मौके पर मिंटू कुमार, शैलेन्द्र कुमार सिंह, डॉ अनिल कुमार, ऐके श्रीवास्तव जिएस शिक्षक, फिजिक्स के शिक्षक, आरबी सिंह,विकास सर, नागेंद्र सर, अनूप सर, राजेश जी, नीरज तिवारी शिक्षक, इत्यादि मौजूद थे।

News Desk

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