बिहार डेस्क। अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के एक बयान से बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी है। दरअसल पूर्व सीएम मांझी गया जिल के वजीरगंज प्रखंड के पतेड़ मंगरावां गांव के महादलित टोले में लोगों से मिलने पहुंचे थे। स्थानीय लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री को बताया कि दारू के नाम पर आबकारी और पुलिस ने गांव के लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटती है। पुलिस की मारपीट से दर्जनों महिला, पुरुष और बच्चे घायल हैं। यही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री के सामने एक-एक कर सभी घायलों ने अपना दर्द सुनाया। लोगों की पीड़ा सुनकर पूर्व मुख्यमंत्री भड़क गए।
जीतन मांझी ने खुले मंच से अपील करते हुए कहा कि जो सरकार बालू,दारू और ताड़ी शुरू करने को कहे उसी को वोट देना है। उनकी यह बातें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस संबंध में जीतन मांझी से सवाल पूछने पर उन्होंने बताया कि यह चुनावी मामला है। जिस तरह से गुजरात में शराबबंदी है, वहां कोई हल्ला, हंगामा नहीं है।
पड़ोसी राज झारखंड में चालू है वांहा शांत है। उन्होंने कहा कि बिहार में 5 लाख को जेल में भेज दिया। 5 लाख में से साढ़े तीन लाख लोग ऐसे हैं जो मजदूरी करके आ रहा है, थोड़ी पी ली। वैसे लोगों को जेल भेजा गया है। जो जुर्माना नहीं दिया वह जेल का सजा काट रहे हैं। इसलिए बोला हूं कि ऐसा कानून नहीं चाहिए। गरीब हित के लिए बात करता हूं। जीतन राम मांझी 79 साल के हो गए हैं। हमारे घर में भी शराब पिताजी चुआते थे। हमने माना किया तो वह मान गए। आज हमारे भाई पुलिस में इंस्पेक्टर हैं। आज हम आपके समक्ष हैं। इसलिए लोगों को मना करते है की शराब नहीं पीजिए।
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