सारण में NQAS की राज्यस्तरीय टीम ने 2 आयुष्मान आरोग्य मंदिर का किया मूल्यांकन

छपरा
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छपरा। ग्रामीण क्षेत्र में घर के पास हीं मरीजों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत सर्टिफाइड किया जाना है। राज्य स्तरीय राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक की टीम ने सारण जिले के अमनौर प्रखंड के अपहर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और सोनपुर के गोविन्दचक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का असेस्मेंट किया। अपहर में राज्य स्वास्थ्य समिति के डॉ. सामापति पॉल और वैशाली के इंचार्ज डीसीक्यूए डॉ. दीपक कुमार ने चेकलिस्ट के अनुसार असेस्मेंट किया।

वहीं गोविन्द चक में पटना के आरपीएम पीयूष रंजन और पिरामल से डॉ. प्रबीर रंजन मोहराना ने असेस्मेंट किया। इस दौरान टीम के सदस्यों ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मिलने वाली सुविधाओं, दवा की उपलब्धता और रख-रखाव, उपकरणों की रख-रखाव, साफ-सफाई- बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण, आधारभूत संरचना सहित कागजात की जांच की गयी । साथ हीं सीएचओ और एएनएम से पूछताछ की गयी। जहां कमी पायी गयी उसे पूरा करने का निर्देश दिया गया। साथ हीं स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दिया गया।

151 प्रकार की दवा और 14 प्रकार की जांच की सुविधा

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 151 प्रकार का दवा, 14 प्रकार के जाँच की सुविधाएं, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जाँच, परिवार नियोजन की सेवा, ओपीडी, संचारी रोग, गैर संचारी रोग, मानसिक स्वास्थ्य, पीने का पानी, हर्बल गार्डन, शौचालय, अग्निश्मन यंत्र के साथ स्वच्छ वातावरण में गुणवत्ता पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रहीं है। बीमारियों की जांच के लिए 14 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध है। यहां पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है।

मौके पर डीपीएम अरविन्द कुमार अमनौर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.शेशांक शुभम, बीएचएम सुशील कुमार, बीसीएम दीपक कुमार, बीएमएनई सुनिल कुमार, सीएचओ लोकेश सैनी,एएनएम अनिता टोपो, एएनएम रेखा कुमारी सहयोगी संस्था पीएसआई के प्रतिनिधि, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन, गोविन्दचक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पूनम, बीएचएम ओमप्रकाश, सीएचओ हिमानी समेत अन्य मौजूद थे।

एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से गुणवत्ता में आयेगी सुधार:

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के प्रमाणीकरण से एएनसी, टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन, आउटरीच में होने वाले कार्यक्रम का विस्तार होगा। मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का मूल्यांकन होने से उक्त संस्थान पर उपलब्ध सेवाओं का विस्तार होगा। साथ ही केंद्र पर व्यवस्थाओं में सुधार होगा। जिसका सीधा असर स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा। एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के बाद गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ने से स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के लिए मिलने वाली सुविधाओं से स्थानीय लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा।

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का  महत्वपूर्ण उद्देश्य

डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत, स्वास्थ्य सेवाओं के सभी पहलुओं जैसे- चिकित्सा, नर्सिंग, और रोगी देखभाल की गुणवत्ता को मानक के अनुरूप तैयार किया जाता है। ताकि स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी मरीजों को उच्च गुणवत्ता के साथ उचित सलाह और उसका सही उपचार मिल सकें। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है कि मरीजों और स्वास्थ्य संस्थानों के बीच विश्वास का निर्माण करता है। जब मरीजों को यह विश्वास हो जाता है कि वह उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं, तो उनकी संतुष्टि बढ़ती है।

क्या है एनक्यूएएस-

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ वैश्विक सर्वोत्तम अभ्यास के लिए विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। इसकी शुरुआत 2017 में हुई हैं, एनक्यूएएस वर्तमान में जिला अस्पतालों, सामुदायिक, ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए उपलब्ध हैं। मानक मुख्य रूप से प्रदाताओं के लिए पूर्व निर्धारित मानकों के माध्यम से सुधार के लिए अपनी स्वयं की गुणवत्ता का आकलन करने और प्रमाणन के लिए अपनी सुविधाओं को लाने के लिए हैं।