सारण की बेटी रिशा रानी बनीं IAS, पहले हीं प्रयास में रचा इतिहास

छपरा
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छपरा। सारण जिले के मांझी प्रखंड स्थित खुटकढ़वां गांव की बेटी रिशा रानी ने UPSC की प्रतिष्ठित मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त कर जिले के साथ-साथ पूरे इलाके का नाम रोशन कर दिया है।

रिशा की यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने पहली ही कोशिश में यह मुकाम हासिल किया है।

IAS बनने की राह पर रिशा रानी

रिशा, खुटकढ़वां गांव निवासी राज किशोर ठाकुर की पोती और रामानंद ठाकुर व इंदुबाला देवी की पुत्री हैं। परिवार दिल्ली में रहता है, जहाँ रिशा ने अपनी स्कूली पढ़ाई हैप्पी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की।

इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए प्रोग्राम ऑनर्स और फिर एलएलबी की डिग्री ली। शिक्षा पूरी करने के बाद रिशा ने UPSC की तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में शानदार सफलता हासिल की।

पारिवारिक सहयोग बना ताकत

रिशा के पिता रामानंद ठाकुर, दिल्ली में एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं, जबकि माँ इंदुबाला देवी एक सफल गृहिणी हैं। रिशा की बहन निशा रानी सीए फाइनल में हैं और भाई रजत ठाकुर भी सीए की पढ़ाई कर रहे हैं।

पूरा परिवार शिक्षा को प्राथमिकता देता है, जिसका असर रिशा की सफलता में साफ दिखता है।

गांव में खुशी की लहर

रिशा की सफलता की खबर मिलते ही खुटकढ़वां गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। दादाजी राज किशोर ठाकुर और फुआ कौशल्या देवी ने गर्व से कहा कि रिशा ने पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

गांव के लोग मिठाइयाँ बाँट कर और ढोल-नगाड़ों के साथ इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं।

रिशा की प्रेरणा: परिश्रम और परिवार

रिशा ने कहा कि उनकी सफलता में उनके परिवार का सहयोग, सकारात्मक सोच और निरंतर मेहनत सबसे बड़ी प्रेरणा रही। उन्होंने युवाओं से कहा कि “अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।”

युवा वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत

रिशा की कहानी ना सिर्फ सारण जिले की बेटियों के लिए, बल्कि पूरे राज्य के युवा वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत है। शिक्षा, समर्पण और समर्थन से हर बाधा पार की जा सकती है — रिशा रानी इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। बेटियां अब आसमान छू रही हैं — और रिशा रानी उस उड़ान की अगली मिसाल बन चुकी हैं।