पारा । बच्चों में वकालत की समझ विकसित की गई और उन्हें साक्षत्कार में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टर हरेंद्र को शिक्षाविद् सम्मान से सम्मानित किया गया। पटना में आयोजित लॉ प्रेप विधान सभा के कॉन्स्ट रिपब्लिक में देश के जाने-माने विधिवेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने यह सम्मान प्रदान किया। ज्ञान भवन में लॉ प्रेप ट्यूटोरियल इंस्टिट्यूट के सह-संस्थापक अभिषेक गुंजन और निदेशक साइमन मुख्य रूप से मौजूद थे। डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने मोमेंट और एसोसिएट को उनके डॉक्टर की उपाधि दी। कहा कि डॉ. हरेंद्र के बच्चों ने कानून की खोज समझ को विकसित करने में योगदान दिया है। येही चिल्ड्रेन फ्रंट साइंटिफिक व साइंटिस्ट सिविलाइजेशन।
शिक्षाविद सम्मान ग्रहण करने के बाद डॉक्टर हरेंद्र ने कहा कि वकालत की पढ़ाई करने से बच्चों के अभिभावक भी नशे में होते हैं। उन्होंने सलाह दी कि पांचवी कक्षा से ही क्लासिक शिक्षा में कानून की खोज संबंधी जानकारी शामिल होनी चाहिए। कानून की पढ़ाई से समाज और राष्ट्र का दमन होगा। हम लोगों की संस्कृति-नियम आधारित रही है। नियम व कानून की शुरुआत समझ होने से बच्चे जागरुक व विचार नागरिक संकल्प।
यहां बता दें कि सीपीएस ग्रुप के चेयरपर्सन डॉक्टर हरेंद्र विभिन्न सामाजिक और शिष्यों से जुड़कर समाज और राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं। पूरे बिहार में करीब जिप सौ विभिन्न गोदामों में लगा था। जिसमें बच्चों को विधि की झलक की जानकारी दी गई थी। सेंट्रल पब्लिक स्कूल, छपरा में भी यह आयोजन हुआ था। यह आयोजन पूरे बिहार में आयोजित किया जा रहा है। शिविर में नौवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं शामिल थे और अपनी क्षमता का परिचय देते हुए कानून की मुख्य परीक्षाओं को शामिल किया गया था।
अन्यान्य व्यवहारिक जीवन में काफी महत्वपूर्ण है। डॉ. हरेन्द्र ने कहा कि डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति लोकहित या राष्ट्रहित का अपमान माउंट कोर्ट में उठा सकता है, यह उसका अधिकार है। आप अपनी क्षमता से विधि संगत कोई भी वस्तु उठा सकते हैं। अगर बच्चों को इसकी जानकारी ही मिलनी शुरू हो जाए तो वे अपने अधिकार और राष्ट्रहित में आगे बढ़ सकते हैं। मेरी इच्छा है कि देश के सभी विद्यार्थियों से पांचवी कक्षा में ही बच्चों को पाठ्यक्रम में कानून की पढ़ाई कराई जाए। उधर, शिक्षाविद सम्मान बैठक के बाद डॉक्टर हरेंद्र से बातचीत में लोगों ने बधाई दी है।
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