सारण में सड़क किनारे लगे पेड़ों की होगी ‘डिजिटल आईडी’, जिओ टैगिंग से मिलेगी पहचान

छपरा। सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी की अध्यक्षता में भिखारी ठाकुर प्रेक्षागृह में आयोजित जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में पर्यावरण संरक्षण और हरित विकास को लेकर एक अहम पहल सामने आई। बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी ने जानकारी दी कि सारण जिले की 8 नोटिफाइड सड़कों के किनारे स्थित सभी वृक्षों की जिओ टैगिंग पूरी कर ली गई है। अब अगले चरण में अन्य सरकारी भूमि पर स्थित सभी वृक्षों की भी जिओ टैगिंग कराई जाएगी और इनकी सूची को गजट में प्रकाशित कराया जाएगा।
क्या है जिओ टैगिंग?
जिओ टैगिंग एक आधुनिक तकनीक है, जिसके तहत किसी स्थल या वस्तु की सटीक भौगोलिक स्थिति (लोकेशन) को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के जरिए दर्ज किया जाता है। वृक्षों की जिओ टैगिंग से उनकी लोकेशन, प्रजाति, आकार और स्थिति की डिजिटल पहचान बन जाएगी। इसके लिए सभी पेड़ों पर एक नंबर लिखा जायेगा। जिससे उसकी पहचान होगी।
जिओ टैगिंग से मिलने वाले फायदे
- सटीक निगरानी : जिले में कितने पेड़ कहां स्थित हैं, इसकी पूरी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी।
- हरियाली की सुरक्षा : अवैध कटाई या क्षति होने पर तुरंत पता लगाया जा सकेगा।
- नीतिगत योजना में मदद : वृक्षारोपण की नई योजनाओं के लिए खाली या कम हरित वाले क्षेत्रों की पहचान आसान होगी।
- पर्यावरण संरक्षण : वृक्षों की नियमित मॉनिटरिंग से उनका संरक्षण और देखभाल बेहतर हो सकेगी।
- डिजिटल रिकॉर्ड : गजट में प्रकाशित होने से सभी पेड़ों का स्थायी सरकारी रिकॉर्ड तैयार होगा।
भविष्य में वृक्षारोपण योजनाओं को जिओ टैगिंग से जोड़ा जाए
सांसद रूडी ने अधिकारियों से कहा कि यह काम केवल औपचारिकता न रहे, बल्कि जिले में पर्यावरण संरक्षण की एक ठोस पहल बने। उन्होंने निर्देश दिया कि भविष्य में वृक्षारोपण योजनाओं को जिओ टैगिंग से जोड़ा जाए, ताकि लगे हुए पेड़ों का रिकॉर्ड हमेशा उपलब्ध रहे और उनकी देखरेख सुनिश्चित हो सके।
बैठक में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि वृक्षों की जिओ टैगिंग से सारण जिला एक डिजिटल ग्रीन मैप तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए एक पर्यावरणीय धरोहर साबित होगी।
मुख्य बिंदु
- 8 नोटिफाइड सड़कों के किनारे सभी वृक्षों की जिओ टैगिंग पूरी
- अन्य सरकारी भूमि पर स्थित पेड़ों की भी जिओ टैगिंग होगी
- सभी वृक्षों की सूची गजट में प्रकाशित कर स्थायी रिकॉर्ड बनेगा
- अवैध कटाई पर रोक और हरियाली संरक्षण में मदद मिलेगी