छपरा । सारण जिले के नवगठित माँझी नगर पंचायत क्षेत्र के मियाँ पट्टी में इस वर्ष दक्षिण भारत में बने प्राचीन हिन्दू मन्दिरों को आधार मानकर बृहद दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। जय माँ जगदम्बे दुर्गा पूजा समिति के सक्रिय सदस्यों द्वारा माँझी की सबसे घनी आबादी वाली बस्ती मियाँ पट्टी के बीचोबीच पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। यह पंडाल माँझी के सर्वाधिक बेहतरीन पंडालों में से एक है। वर्ष 2001 से लगातार दुर्गापूजा के अवसर पर बनाये जाने वाले इस खूबसूरत पंडाल की खासियत यह है कि इस पंडाल के नक्शा से लेकर निर्माण तक का कार्य दुर्गा पूजा समिति सदस्य खुद ही अपने हाथों करते हैं। पंडाल निर्माण में किसी कारीगर अथवा मजदूर की सहायता नही ली जाती। उक्त पंडाल को देखने व दर्शन पूजन करने के लिए दूरदराज से प्रतिदिन सैकड़ों लोग खासकर श्रद्धालु महिलाएँ आती हैं।
पंडाल के समीप काफी घनी आबादी होने के कारण आवागमन हेतु गलियों में वन वे सिस्टम लागू करना पड़ता है। अत्यधिक भीड़भाड़ होने की वजह से उक्त पंडाल पर स्थानीय प्रशासन की भी पैनी नजर रहती है।
मियाँ पट्टी के इस वर्ष के दुर्गापूजा पंडाल में लगभग सात सौ बाँस, 40 बंडल थर्मोकोल, दो क्विंटल नारियल की रस्सी के अलावा बड़ी मात्रा में लकड़ी का बीट, कपड़े तथा चट्टी की बोरी पर सीमेंट के घोल का प्रयोग किया जा रहा है। पंडाल के निर्माण के मास्टरमाइंड बिनोद गुप्ता उर्फ गुरुजी के निर्देशन तथा देखरेख में दुर्गा पूजा समिति के एक दर्जन से अधिक सदस्य पंडाल निर्माण में लगभग एक महीने से निःशुल्क दिन रात कार्य कर रहे हैं।
पंडाल के निर्माण में लगभग दो लाख रुपये की सामग्री के अलावा मूर्ति तथा उसकी सजावट साउंड एवम लाइट पर भी लगभग दो लाख रुपये खर्च किये जाने का अनुमान है। पंडाल निर्माण में यदि मजदूरों की मजदूरी जोड़ दी जाय तो पूजा पंडाल पर लगभग छह लाख रुपये खर्च होने की संभावना है।
आकर्षक कलाकृति युक्त भब्य पंडाल निर्माण में बिनोद गुप्ता उर्फ गुरुजी के संयोजकत्व में निर्माण कार्य में लगे समिति सदस्यों में उमेश सिंह, आकाश बजरंगी, सकलदीप चौधरी, शेखर प्रसाद गुप्ता, हरिशंकर प्रसाद, बोलबम प्रसाद, हरेश माँझी, मंजीत राम, सुनील महतो, हिमांशु गुप्ता, हरेराम यादव, अंशु गुप्ता, रोहित पाण्डेय, मनोज कुमार गुप्ता, प्रेम शंकर प्रसाद, पुरुषोत्तम गुप्ता, राजेश गुप्ता, चुन्नू प्रसाद, जितेंद्र चौधरी तथा मिट्ठू साह आदि शामिल हैं। पंडाल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
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