Sonpur Mela 2025: पर्यटन और परंपरा का संगम बनेगा सोनपुर मेला, हाथी-ऊंट सवारी खींचेगी पर्यटकों की ध्यान
तोरण द्वार से स्नान घाट तक, हर स्तर पर होगी बेहतर व्यवस्था

छपरा। विश्वविख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला, जिसे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है, इस साल एक बार फिर अपनी भव्यता के साथ सजने को तैयार है। सदियों पुराना यह मेला न केवल व्यापार और अध्यात्म का अद्वितीय संगम है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और आस्था की विरासत भी संजोए हुए है। भगवान हरिहरनाथ मंदिर से जुड़ी पौराणिक मान्यता और गंगा–गंडक संगम की पावन धरती पर लगने वाला यह मेला देश–विदेश से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
सोनपुर मेला बिहार की सांस्कृतिक धरोहर
विश्वप्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला-2025 के सफल आयोजन को लेकर सोनपुर अनुमंडल कार्यालय सभागार में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपविकास आयुक्त (डीडीसी) यतेंद्र कुमार पाल ने की। बैठक में मेला स्वरूप, यातायात प्रबंधन, पर्यटकों की सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। उपविकास आयुक्त ने कहा कि सोनपुर मेला बिहार की सांस्कृतिक धरोहर है, इसलिए इसके आयोजन में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सदियों से अपनी अनूठी परंपरा और भव्यता के लिए प्रसिद्ध यह मेला न केवल पशु व्यापार और लोक–संस्कृति का संगम है, बल्कि बिहार की पहचान भी है।
स्थानीय प्रतिनिधियों से लिया गया फीडबैक
बैठक के दौरान उपस्थित स्थानीय जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों से पिछले वर्षों के अनुभव साझा करते हुए उनके सुझाव मांगे गए।
मुख्य सुझाव इस प्रकार रहे।
- स्ट्रीट वेंडरों के लिए अलग स्थान चिन्हित करने की आवश्यकता।
- सभी शौचालयों और स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त व व्यवस्थित किया जाए।
- तोरण द्वार और पंडाल में एकरूपता रखने पर बल दिया गया।
- मेला स्थल पर आने वाले आम लोगों के विश्राम हेतु बेसिक सुविधायुक्त व्यवस्था की जाए।
- पर्यटकों के मनोरंजन के लिए हाथी व ऊंट सवारी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- विभिन्न स्नान घाटों पर पर्याप्त संख्या में शौचालय और सफाई व्यवस्था हो।
अधिकारियों को मिले निर्देश
उपविकास आयुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्राप्त सभी अमल योग्य सुझावों का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने साफ कहा कि मेला के दौरान लाइट, पेयजल, शौचालय और सफाई व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
बैठक में रही व्यापक भागीदारी
बैठक में अपर समाहर्त्ता, सिविल सर्जन, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी सोनपुर, भूमि सुधार उपसमाहर्त्ता सोनपुर, आयोजन समिति से जुड़े स्थानीय प्रतिनिधि और प्रखंड स्तर के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
डीडीसी ने सभी को आश्वस्त किया कि इस वर्ष सोनपुर मेला का आयोजन पिछले वर्षों की तुलना में और अधिक व्यवस्थित व भव्य होगा।