
छपरा। बसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) के दौरान शांति और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। पर्व के उल्लास और श्रद्धा के बीच किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों से निपटने और त्यौहार को शांति से मनाने के लिए पुलिस और प्रशासन ने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यालयों, प्रमुख शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक पूजा स्थलों पर विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस अधिकारियों और बल की तैनाती की गई है।




सादे लिबास में पुलिस तैनाती:
भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर शरारती और असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए सादे लिबास में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। इस दौरान किसी भी असामाजिक गतिविधि को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। असामाजिक तत्वों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई के साथ ही बंध पत्र भी जारी किए जा रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की अशांति का सामना न करना पड़े। भीड़-भाड़ वाले पंडालों में प्रवेश और निकासी के लिए अलग-अलग द्वारों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि कोई भी अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। साथ ही, स्त्री-पुरुष के लिए अलग-अलग दीर्घाओं का निर्माण किया जाएगा।
विवादास्पद स्थानों पर पूजा प्रतिबंध
किसी भी विवादास्पद स्थान पर पूजा पंडालों या प्रतिमाओं की स्थापना नहीं की जाएगी, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटित हो। बड़े पूजा पंडालों में अग्निरोधी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आयोजकों से आग्रह किया गया है कि वे अग्निशमन यंत्रों की व्यवस्था करें। इसके साथ ही, सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बड़े पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
लाउडस्पीकर और ध्वनि सीमा:
लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए अनुमति प्राप्त करने और ध्वनि सीमा का पालन करने की व्यवस्था की जाएगी। इस दौरान अश्लील या भड़काऊ गानों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
विर्सजन जुलूस के लिए लाइसेंस
विर्सजन जुलूस के आयोजन के लिए लाइसेंस निर्गत किए जाएंगे। सभी लाइसेंस प्राप्त जुलूसों में शामिल वॉलेण्टियर्स, पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर जुलूस को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराएंगे। पुलिस प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे सुरक्षा के नियमों का पालन करें, सतर्क रहें और इस त्यौहार को सुरक्षित तरीके से मनाएं।
इस वर्ष, बसंत पंचमी के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा के सभी उपायों को कड़ा किया है, ताकि इस पर्व का आनंद सभी श्रद्धालु शांति और सौहार्द्र के साथ उठा सकें।
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