Patna Metro Rail: 40KM की रफ्तार से दौड़ी पटना मेट्रो, सभी सुरक्षा मानकों की सफल पड़ताल
जनक गर्ग ने परखी पटना मेट्रो की हर बारीकी

पटना। पटना मेट्रो के परिचालन से पहले एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया गया है। मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग ने पटना मेट्रो के डिपो, रॉलिंग स्टॉक तथा प्रायोरिटी कॉरिडोर के तीन स्टेशनों का विस्तृत निरीक्षण कर सुरक्षा-संरक्षा और परिचालन मानकों का सख्त ऑडिट किया। निरीक्षण के बाद परियोजना प्रबंधन ने कहा है कि आम जनता को सुरक्षित, आधुनिक और भरोसेमंद परिवहन सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में आवश्यक तैयारियाँ तेज कर दी गई हैं।
निरीक्षण में किन पहलुओं की हुई जांच
निरीक्षण के दौरान सुरक्षा आयुक्त ने डिपो में रखरखाव प्रक्रियाएँ, विद्युत आपूर्ति, फायर-सेफ्टी उपकरण, प्लेटफॉर्म-दरवाज़े, आपात निकास मार्ग, स्टेशन की पैसेंजर-सुरक्षा सुविधाएँ और रॉलिंग स्टॉक की तकनीकी संवेदनशीलताओं की बारीकी से समीक्षा की। रॉलिंग स्टॉक के समेकित परीक्षण में सुरक्षा आयुक्त ने एक चार्टेड ड्राइव के तहत ट्रेन को 40 किमी/घंटा की गति से चलाकर ब्रेकिंग, सिग्नल रेस्पॉन्स, दरवाज़े संचालन और संचार प्रणालियों का व्यवहारिक परीक्षण कराया।
उच्च-स्तरीय समीक्षा और निर्देश
निरीक्षण के बाद आयोजित उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (PMRCL) के प्रबंध निदेशक अभय कुमार सिंह, अपर प्रबंध निदेशक व संयुक्त सचिव अभिलाषा शर्मा समेत PMRCL व DMRC के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सुरक्षा आयुक्त ने बैठक में कहा कि जन सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और मेट्रो के परिचालन में सभी सुरक्षा व परिचालन प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन अनिवार्य होगा। उन्होंने परियोजना के हर चरण — योजना, निर्माण, संचालन और अनुरक्षण — में समन्वय एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
परीक्षणों का सार और आगे का रोडमैप
PMRCL अधिकारियों ने बताया कि परीक्षणों के दौरान जिन बिंदुओं पर सुधार की आवश्यकता पाई गई, उन पर शीघ्र कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। इसमें आपातकालीन अलार्म सिस्टम का समेकन, पिवट फैकलिटी में अतिरिक्त प्रशिक्षण, स्टेशन-स्तर पर भीड़-प्रबंधन तंत्र का परख और रखरखाव कार्यों का डॉक्यूमेंटेशन शामिल है। अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा आयुक्त के दिशानिर्देशों के बाद शेष आवश्यक सुधार पूरे होते ही नियमानुसार परिचालन-मंजूरी और यात्रियों के लिए सूचनाएँ जारी कर दी जाएँगी।
सुरक्षा आयुक्त व PMRCL ने स्पष्ट किया कि मेट्रो परिचालन शुरू करने से पहले किसी भी तकनीकी या सुरक्षा कमी को अनदेखा नहीं किया जाएगा। सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु अधिकारी समय-समय पर परीक्षण, आपातक-अनुशासन ड्रिल और स्टाफ ट्रेनिंग की प्रक्रिया चलाते रहेंगे।
पटना मेट्रो के इस निरीक्षण और समेकित परीक्षण के बाद परियोजना ने परिचालन-पूर्व एक और अहम मुकाम तय कर लिया है। अब फोकस उन अंतिम सुधारों और प्रमाणपत्रों पर है जिनके पूरा होने के बाद यात्री सेवाओं के चरणबद्ध आरम्भ की प्रक्रिया पूरी की जायेगी।