छपरा। भारतीय रेलवे द्वारा कोहरे के मौसम के दौरान सुचारू रूप से ट्रेन परिचालन सुनिश्चित करने के लिये सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर 19742 फाग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया है। पूर्वोत्तर रेलवे पर कुल 1091 फाग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है जिसमें वाराणसी मण्डल को 476 फाग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराया गया है। फाग सेफ डिवाइस से ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता बढ़ती है और यह विलम्बन को कम करता है तथा समग्र सुरक्षा एवं संरक्षा सुनिश्चित करता है।
प्रति वर्ष कोहरे के मौसम में उत्तर भारत में गाड़ियों का संचलन प्रभावित होता है। कोहरे के मौसम में सुचारू रूप से ट्रेन संचलन हेतु भारतीय रेल पर 19742 फाग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराया गया है। इस कदम से ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता में सुधार होने के साथ विलम्बन में कमी आयी है तथा रेल संरक्षा सुदृढ़ हुई है।
जी.पी.एस. आधारित फाग सेफ डिवाइस सभी प्रकार के सिंगल लाइन, डबल लाइन, विद्युतीकृत और गैर विद्युतीकृत रेल खण्डों पर सभी प्रकार के विद्युत एवं डीजल इंजनों, ई.एम.यू./मेमू/डेमू गाड़ियों के लिये उपयुक्त है, जो घने कोहरे में गाड़ी चलाने में काफी उपयोगी है। लोको पायलट को यह डिवाइस निर्धारित लैंड मार्क जैसे- सिगनल, समपार फाटक, स्थाई गति अवरोधक, न्यूट्रल सेक्शन की ऑनबोर्ड रियल टाइम इन्फार्मेशन उपलब्ध कराता है तथा 500 मीटर में आगे आने वाले तीन निर्धारित लैंड मार्क की सूचना वॉयस मैसेज के साथ प्रदर्शित करता है। इस डिवाइस में 18 घंटे के लिये इन-विल्ट रीचार्जेबल बैटरी बैक-अप का प्रावधान किया गया है। यह डिवाइस आकार में छोटा तथा वजन में हल्का व मजबूत बनाया गया है, जिसे लोको पायलट अपनी ड्यूटी शुरू करने पर अपने साथ आसानी से इंजन तक ले जा सकते हैं तथा इसे इंजन के कैब डेस्क पर आसानी से रख सकते हैं।
यह आधुनिक फाग सेफ डिवाइस कोहरे, बारिश या धूप जैसे मौसम से अप्रभावित रहता है, जिससे गाड़ियों की सुरक्षा तथा संरक्षा बढ़ाई जा सकती है।
पूर्वोत्तर रेलवे पर कोहरे के मौसम में जिसमें दृश्यता कम होती है, इस आधुनिक फाग सेफ डिवाइस की सहायता से गाड़ियों का संचलन सुरक्षित एवं संरक्षित ढंग से किया जा रहा है।
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