अब छपरा के JPU में होगी रोजगारपरक और व्यवसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई, प्लेसमेंट भी मिलेगी

छपरा
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छपरा। जयप्रकाश विश्ववविद्यालय, छपरा के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। यहां पहली बार राज्य के नामचीन और उन्नत शिक्षण संस्थानों के साथ संयुक्त रूप से व्यवहारिक और रोजगारपरक शिक्षा प्रारंभ होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। कुलपति प्रो. परमेंद्र कुमार बाजपेई के नेतृत्व में बुधवार को चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना तथा आर्यभट्ट ज्ञान विश्ववविद्यालय, पटना के साथ जयप्रकाश विश्ववविद्यालय, छपरा का समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के साथ ही जयप्रकाश विश्ववविद्यालय में नवाचार, प्रबंधन, उद्यमिता विकास, स्टार्टअप प्रारंभ करने में सहायक नए पाठ्यक्रम प्रारंभ होंगे।

इसके साथ ही एक ओर जहां जयप्रकाश विश्ववविद्यालय चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के साथ मिलकर प्रबंधन एवं अन्य संबद्ध विषयों में व्यवहारिक एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगा वहीं छात्र-छात्राओं के लिए प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट के लिए भी चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान का मार्गदर्शन प्राप्त करेगा। पहले समझौता ज्ञापन पर जयप्रकाश विश्ववविद्यालय की ओर से कुलसचिव प्रो. रणजीत कुमार तथा चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान की ओर से निदेशक डॉ राणा सिंह ने हस्ताक्षर किए।

वहीं, दूसरे समझौता ज्ञापन पर कुलसचिव प्रो. रणजीत कुमार तथा आर्यभट्ट ज्ञान विश्ववविद्यालय की ओर से प्रो. अंकित शर्मा ने हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. बाजपेई ने कहा कि अब जयप्रकाश विश्ववविद्यालय में ही छात्र-छात्राओं को विभिन्न रोजगारपरक और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई का अवसर प्राप्त होगा।

छात्र-छात्राओं को नवीनतम विषयवस्तु और प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिलेग। पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद उनको प्लेसमेंट में भी सहयोग प्राप्त होगा। कुलपति ने कहा कि विश्ववविद्यालय में पहली बार इस तरह के पाठ्यक्रम प्रारंभ होने जा रहे हैं जिसका लाभ खासकर इस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को मिलेगा। उन्होंने जयप्रकाश विश्ववविद्यालय के प्राध्यापकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारे यहां भौतिकी, रसायनशास्त्र आदि कई विषयों में ऐसे प्राध्यापक हैं जिन्होंने अपनी शिक्षा आईआईटी एवं अन्य राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थानों से हासिल की है।

इन सबके सहयोग से इन नए पाठ्यक्रमों में स्तरीय पठन-पाठन सुनिश्चित होगा। वहीं आर्यभट्ट ज्ञान विश्ववविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तरीय पाठ्यक्रमों के लिए आधुनिकतम तकनीक से लैस ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध है। इन दोनों के सहयोग से इन पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी उच्चस्तरीय शिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इन पाठ्यक्रमों के प्रारंभ होने से खासकर जयप्रकाश विश्ववविद्यालय को काफी लाभ होनेवाला है। चूंकि, सीबीसीई, नियो टेक्नोलॉजी जैसे विषयों के लिए राज्य में इन दोनों संस्थानों से बेहतर कोई नहीं।

लिहाजा इन व्यावसायिक एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों का भरपूर लाभ क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिलेगा। चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक प्रो. राणा सिंह ने जयप्रकाश विश्ववविद्यालय के कुलपति प्रो. बाजपेई को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हीं के प्रयास से दोनों संस्थानों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है। कुलपति महोदय की पहल से दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। दोनों संस्थानों के बीच ये गतिविधियां काफी दूर तक जाएंगी।

आर्यभट्ट ज्ञान विश्ववविद्यालय के प्रो. राकेश कुमार ने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्ववविद्यालय के पास पूर्णतः सुसज्जित 7 प्रयोगशाला हैं जो नवीनतम उपकरणों से लैश हैं। इन विषयों से संबंधित अबतक 212 अंतरराष्ट्रीय शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश विश्ववविद्यालय के माननीय कुलपति ने उन्हें आश्वस्त किया है कि देशभर के नामचीन औद्योगिक घरानों से टाइअप कराया जाएगा।

कुलसचिव प्रो. रणजीत कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि माननीय कुलपति के मात्र 3 माह के कार्यकाल में ही अबतक विभिन्न विश्ववविद्यालयों से कुल 5 एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं निजी क्षेत्रों में रोजगार के काफी अवसर हैं लेकिन इन क्षेत्रों में सामान्य डिग्रीधारियों की कोई खास मांग नहीं होती। यहां प्रोफेशनल कोर्स का बहुत महत्व है और बिना इनकी पढ़ाई किए बच्चों को रोजगार मिल पाना मुश्किल होगा।
इससे पूर्व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर अध्यक्ष, छात्र कल्याण प्रो. सरफराज, कुलानुशासक प्रो. विश्वामित्र पाण्डेय, समायोजक, महाविद्यालय विकास परिषद प्रो. हरिश्चंद, परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिलीप कुमार, वित्त पदाधिकारी सुधांशु मिश्रा सहित जयप्रकाश विश्ववविद्यालय एमओयू ड्राफ्टिंग कमिटी के सभी सदस्यगण उपस्थित थे। संचालन डॉ शची मिश्रा ने किया।