
पटना: राज्य में पेट्रोल पंपों पर शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाओं की स्थिति की जांच के लिए परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को विशेष जांच टीमों का गठन कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम पेट्रोल पंपों पर महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय, स्वच्छता, पानी की सुविधा और अन्य आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पेट्रोल पंपों पर सुविधाओं का निरीक्षण:
परिवहन सचिव ने बताया कि पेट्रोल पंपों पर महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय और यूरिनल होना अनिवार्य है, लेकिन कई स्थानों पर यह सुविधाएं या तो उपलब्ध नहीं हैं, या ताला बंद रहता है, या फिर अत्यधिक गंदगी की स्थिति में होती हैं। इसके परिणामस्वरूप शिकायतें बढ़ी हैं, जिन्हें देखते हुए इस जांच का आदेश जारी किया गया है।




जिला पदाधिकारी को निर्देश:
सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे विशेष टीमों का गठन कर पेट्रोल पंपों पर इन सुविधाओं की स्थिति की जांच करें। इन टीमों को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि पेट्रोल पंपों पर पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, यूरिनल, स्वच्छता और पानी की सुविधा उपलब्ध हो। इसके अतिरिक्त, अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी निरीक्षण किया जाएगा।
पेट्रोलियम कंपनियों को नोटिस:
इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और अन्य पेट्रोलियम कंपनियों को भी नोटिस जारी कर निर्देश दिया जाएगा कि वे अपने स्तर पर पेट्रोल पंपों की जांच करें और सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों।
15 दिनों का समय:
परिवहन सचिव ने पेट्रोल पंप संचालकों को इन कमियों को दूर करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। यदि इस समय सीमा के भीतर सुधार नहीं किया जाता है, तो दोषी पेट्रोल पंपों के लाइसेंस निलंबित किए जा सकते हैं, और उनके आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।
विशेष अभियान:
यह विशेष अभियान इस सप्ताह से शुरू होने जा रहा है। परिवहन विभाग ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए यह फैसला किया है कि जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले पेट्रोल पंपों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम राज्यभर में पेट्रोल पंपों पर बुनियादी सुविधाओं की गुणवत्ता सुधारने और ग्राहकों की सुविधा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है।
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