बिहारराजनीति

mukhyamantri Mahila Rojagar Yojana: अब तक डेढ़ करोड़ महिलाओं के खाते में भेजी गई 10 हजार की राशि

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बनी बदलाव की मिसाल

पटना। गरीबी और बेरोजगारी की दीवार तोड़ते हुए बिहार सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना अब ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में महिलाओं के जीवन में नई उम्मीद जगा रही है। इस योजना के तहत अब तक एक करोड़ 51 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में 10 हजार रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी जा चुकी है। दिसंबर तक शेष पात्र महिलाओं को भी यह राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें आवेदन की कोई अंतिम तिथि तय नहीं है। जब तक राज्य की सभी पात्र महिलाएं इसका लाभ नहीं ले लेतीं, तब तक यह योजना जारी रहेगी।

हर महिला को मिलेगा अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने का अवसर

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का उद्देश्य राज्य के हर परिवार की एक महिला को स्वरोजगार का अवसर देना और परिवार की आय बढ़ाना है। महिलाओं को 10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता उनके बैंक खाते में सीधे भेजी जा रही है ताकि वे अपनी पसंद का रोजगार शुरू कर सकें।सरकार का लक्ष्य है कि महिलाएं किराना दुकान, ब्यूटी पार्लर, फल-सब्जी, बर्तन या स्टेशनरी शॉप, खिलौने या सौंदर्य प्रसाधन की दुकान जैसी गतिविधियां शुरू कर आत्मनिर्भर बनें। महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए गांव से लेकर शहर तक हाट-बाजार और प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंच मिल सके।

सहायता राशि सीधे बैंक खाते में, दलालों की छुट्टी

राज्य सरकार ने योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डीबीटी प्रणाली लागू की है। इससे किसी भी स्तर पर बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है। पहले चरण में 10 हजार रुपये की राशि सीधे खातों में जा रही है। बाद में रोजगार शुरू करने वाली महिलाओं को दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।यह सहायता पूरी तरह अनुदान के रूप में होगी — यानी महिलाओं को यह राशि वापस नहीं करनी होगी। यह कोई ऋण नहीं है।

18 से 60 वर्ष की महिलाएं हैं पात्र, हर परिवार की एक महिला को मिलेगा लाभ

इस योजना का लाभ 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग की उन महिलाओं को मिलेगा जो आयकरदाता नहीं हैं और न ही वे या उनके पति सरकारी सेवा में हैं।राज्य के प्रत्येक परिवार की केवल एक पात्र महिला को इस योजना का लाभ मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका समूह से जुड़ी महिलाएं ग्राम संगठन के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं। जो महिलाएं अभी तक जीविका से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले स्वयं सहायता समूह (SHG) से जोड़ा जाएगा।शहरी क्षेत्रों में महिलाएं अपने क्षेत्र स्तरीय संगठन (ALF/VO) या नगर निकाय की बैठक में आवेदन कर सकती हैं।जो शहरी महिलाएं अभी समूह से नहीं जुड़ी हैं, वे www.brlps.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के बाद विभाग उनकी पात्रता जांचकर उन्हें समूह से जोड़ देगा।

प्रशिक्षण की सुविधा और शिकायत की व्यवस्था भी

शहरी महिलाओं के लिए उनके चयनित रोजगार के अनुसार नि:शुल्क प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है ताकि वे अपने व्यवसाय को आत्मविश्वास के साथ शुरू कर सकें।


सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति या अधिकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर राशि मांगता है तो महिलाएं शिकायत दर्ज करा सकती हैं। ग्रामीण महिलाएं जीविका कार्यालय, प्रखंड विकास अधिकारी, उप विकास आयुक्त या जिला पदाधिकारी को शिकायत दें, जबकि शहरी महिलाएं अपने नगर निकाय कार्यालय में शिकायत कर सकती हैं।

महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में बड़ा कदम

यह योजना बिहार सरकार के आत्मनिर्भर महिला, सशक्त परिवार और समृद्ध राज्य के लक्ष्य की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। गांवों में अब महिलाएं छोटे व्यापार और सेवाओं से न केवल अपनी आजीविका चला रही हैं, बल्कि परिवार की आर्थिक रीढ़ बन रही हैं।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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