CMR Rice Supply: सारण में चावल आपूर्ति नहीं करने वाले मिलरों को किया जायेगा ब्लैकलिस्टेड, FIR भी दर्ज होगी
सीएमआर जमा नहीं करने वालों के खिलाफ डीएम ने अपनाया कड़ा रूख

छपरा। खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत अधिप्राप्त धान की कस्टम मिलिंग राइस (CMR) आपूर्ति में शिथिलता बरतने वाले मिलरों के खिलाफ अब जिला प्रशासन सख्त रुख अख्तियार कर चुका है। जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला प्रबंधक SFC, एवं संबंधित मिलरों के साथ एक गंभीर समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई, जिसमें धान अधिप्राप्ति की स्थिति और सीएमआर की अद्यतन आपूर्ति की गहन समीक्षा की गई।
9 अगस्त अंतिम तिथि, वरना काली सूची में जाएंगे लापरवाह मिलर
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जिन मिलरों द्वारा अभी तक अधिप्राप्त धान की निर्धारित मात्रा के अनुसार अरवा एवं उसना चावल की आपूर्ति नहीं की गई है, उन्हें 9 अगस्त 2025 तक हर हाल में शत-प्रतिशत सीएमआर जमा करना होगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि निर्धारित समय सीमा के बाद भी चावल की आपूर्ति नहीं करने वाले मिलरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर उन्हें काली सूची में डाला जाएगा, साथ ही भविष्य में ऐसे मिलरों को किसी प्रकार का सरकारी कार्य नहीं सौंपा जाएगा।
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पैक्स अध्यक्ष और व्यापार मंडलों पर भी गिरेगी गाज
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल मिलर ही नहीं, बल्कि जिन पैक्सों एवं व्यापार मंडलों के माध्यम से धान अधिप्राप्ति की गई, और जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया है, उनके विरुद्ध भी विधिसम्मत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे सभी मामलों की रिपोर्ट त्वरित रूप से तैयार कर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए।
डीएम ने कहा: “ढिलाई अब नहीं चलेगी”
बैठक के दौरान जिलाधिकारी अमन समीर ने सख्त लहजे में कहा कि “सरकार की मंशा है कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले और अधिप्राप्त धान का समय पर निष्पादन हो। किंतु कुछ मिलरों और पैक्सों की लापरवाही से सरकारी योजनाओं की छवि धूमिल होती है। अब इस प्रकार की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
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बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला प्रबंधक, SFC, खरीफ विपणन से जुड़े मिलर्स, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी को चेतावनी दी गई कि समयसीमा के अंदर चावल की आपूर्ति पूरी करें अन्यथा प्रशासनिक सख्ती के लिए तैयार रहें।
धान अधिप्राप्ति के बाद चावल आपूर्ति में लापरवाही बरतने वालों पर प्रशासन की नजर अब बेहद कड़ी हो गई है। जिलाधिकारी द्वारा दिए गए 9 अगस्त की डेडलाइन को अंतिम चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में संबंधित मिलरों और पैक्सों के लिए यह वक्त चेतावनी को अमल में लाने का है, वरना प्रशासनिक कार्रवाई तय मानी जा रही है।