Railway Biometric Attendance: अब टीटीई की हाजिरी पर नहीं होगी धांधली, रेलवे ने शुरू किया डिजिटल साइन-ऑन
पहली डिजिटल टीटीई लॉबी का शुभारंभ

रेलवे डेस्क। भारतीय रेलवे ने अपने टिकट जाँच कर्मचारियों (टीटीई) के लिए बायोमेट्रिक साइन-ऑन और साइन-ऑफ प्रणाली लागू कर रेलवे संचालन को और अधिक आधुनिक व पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। यह नई प्रणाली कर्मचारियों की वास्तविक समय में उपस्थिति और ड्यूटी स्थिति को सटीकता से दर्ज करेगी, जिससे यात्रियों के समग्र अनुभव में भी सुधार होगा।
पहली डिजिटल टीटीई लॉबी का शुभारंभ
29 अगस्त 2025 को पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन पर पहली डिजिटल टीटीई लॉबी का शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही विभिन्न जोनों और मंडलों में इस प्रणाली का विस्तार तेज़ी से किया जा रहा है।
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कहां-कहां लागू हुई प्रणाली
अब तक यह अभिनव प्रणाली उत्तर रेलवे के बनारस मंडल, पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर मंडल, पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल, मध्य रेलवे के सीएसएमटी, पुणे और सोलापुर स्थित टीटीई लॉबी, पूर्व रेलवे के मालदा मंडल, दक्षिण पश्चिम रेलवे के मैसूर मंडल, पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल और कोटा, तथा दक्षिण रेलवे के मदुरै, पालघाट और त्रिची में सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है।
इसके अलावा उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर पश्चिम रेलवे के विभिन्न मंडलों में भी चरणबद्ध तरीके से इस प्रणाली को लागू किया जा रहा है। वहीं, उत्तर रेलवे का जम्मू मंडल जल्द ही इस सूची में शामिल होने वाला है।
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कैसे काम करेगी नई प्रणाली
नई प्रणाली आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरण को टिकट परीक्षक लॉबी प्रणाली के साथ एकीकृत करती है। कर्मचारी अपने फिंगरप्रिंट या बायोमेट्रिक पहचान के माध्यम से लॉबी में साइन-ऑन और साइन-ऑफ कर सकेंगे। इससे उपस्थिति प्रक्रिया पूरी तरह छेड़छाड़-रहित और गोपनीयता-अनुपालन होगी।
यह प्रणाली वास्तविक समय में कर्मचारियों की उपलब्धता और कार्य घंटों का रिकॉर्ड रखेगी और ड्यूटी रोस्टर व हैंड-हेल्ड टर्मिनलों (एचएचटी) से जुड़कर कर्मचारी तैनाती को और सुचारू बनाएगी।
मुख्य उद्देश्य
उद्देश्य | विवरण |
---|---|
प्रामाणिक उपस्थिति | सटीक और सत्यापन योग्य रिकॉर्ड सुनिश्चित करना। |
रीयल-टाइम ट्रैकिंग | कर्मचारियों की उपलब्धता और ड्यूटी पर नज़र रखना। |
उन्नत निगरानी | कार्य घंटों और लॉबी संचालन की प्रभावी मॉनिटरिंग। |
निर्बाध एकीकरण | ड्यूटी रोस्टर और एचएचटी के साथ समन्वित तैनाती। |
रेलवे की पारदर्शिता और कार्यकुशलता की दिशा में बड़ा कदम
भारतीय रेलवे का मानना है कि इस डिजिटल परिवर्तन से न केवल टिकट जाँच कर्मचारियों की जवाबदेही और पारदर्शिता में वृद्धि होगी, बल्कि यात्रियों को बेहतर सुविधा और भरोसा भी मिलेगा।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, “बायोमेट्रिक साइन-ऑन/ऑफ प्रणाली पारंपरिक उपस्थिति प्रणाली की खामियों को दूर कर कार्यकुशलता को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। यह रेलवे के डिजिटल इंडिया और स्मार्ट रेलवे के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।”