
छपरा। सारण जिले के किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभरी है सैदपुर गाँव में खुली खेतीबाड़ी कृषि क्लिनिक। दिघवारा प्रखंड के इस गाँव में आज जैसे उत्सव का माहौल था — वजह थी एक ऐसी पहल का शुभारंभ, जो अब स्थानीय किसानों की समस्याओं का समाधान उन्हीं के गांव में उपलब्ध कराने जा रही है।
संयुक्त निदेशक (शस्य) राकेश रंजन ने इस क्लिनिक का उद्घाटन किसानों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में किया। इस क्लिनिक की खास बात यह है कि इसे एक कृषि स्नातक युवती मुस्कान कुमारी ने स्थापित किया है — जो अपने ज्ञान और जुनून के साथ अब किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाएंगी।
एक छत के नीचे, हर समस्या का समाधान
क्लिनिक में मिट्टी की जांच, बीज विश्लेषण, कीट व रोग नियंत्रण के सुझाव, पौधा संरक्षण के लिए आवश्यक छिड़काव व उपकरण, और तकनीकी विस्तार सेवाएं प्रदान की जाएंगी। यानी अब किसानों को अपने खेतों के लिए बाहर भटकने की ज़रूरत नहीं — सबकुछ मिलेगा एक छत के नीचे।
यह पहल सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि व्यावसायिक रूप से भी सशक्त है — क्योंकि क्लिनिक संचालक को उन्नत बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की बिक्री की अनुज्ञप्ति भी दी जाएगी। इसका मतलब है, किसान अब वही खरीद सकेंगे जो उनके खेत के लिए वास्तव में जरूरी है — वो भी भरोसे के साथ।
अधिकारियों की सराहना, किसानों में उत्साह
इस मौके पर प्रमंडल के उपनिदेशक (पौधा संरक्षण) राधेश्याम कुमार ने कहा, “यह पहल किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि स्थानीय स्तर पर बीज की जांच की सुविधा से बीज विस्थापन दर बढ़ेगी और फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
गाँव में जागी नई उम्मीद
कार्यक्रम में स्थानीय कृषि समन्वयक संतोष कुमार सिंह, किसान सलाहकार, अन्य विभागीय कर्मी और बड़ी संख्या में किसान व जनप्रतिनिधि शामिल हुए। हर चेहरे पर उत्साह था, उम्मीद थी — कि अब खेती को लेकर उनकी चुनौतियाँ थोड़ी आसान होंगी।
मुस्कान की मुस्कान बनी प्रेरणा
इस क्लिनिक की संचालक मुस्कान कुमारी न सिर्फ एक स्नातक हैं, बल्कि आज गांव की बेटियों के लिए एक उदाहरण बन गई हैं। उनकी यह पहल दिखाती है कि कृषि में आत्मनिर्भरता सिर्फ फसल उगाने तक सीमित नहीं, बल्कि ज्ञान और तकनीक को अपनाकर भी हासिल की जा सकती है।