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Indian Railway News: छपरा के रास्ते चलने वाली वैशाली एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों से रेलवे ने High Speed का दर्जा छीना

Indian Railway News: छपरा के रास्ते चलने वाली वैशाली एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों से रेलवे ने High Speed का दर्जा छीना। रेलवे ने हाई स्पीड (High Speed) ट्रेनों की परिभाषा में बड़ा बदलाव करते हुए रफ्तार के मानक को 20 किमी प्रति घंटे बढ़ा दिया है। अब 130 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक गति से चलने वाली ट्रेनों को ही हाई स्पीड ट्रेन (high Speed Train) का दर्जा मिलेगा। इस फैसले का सीधा असर मुजफ्फरपुर और छपरा होकर चलने वाली कई प्रमुख ट्रेनों पर पड़ा है।

इस नए मानक के कारण वैशाली एक्सप्रेस, सप्तक्रांति एक्सप्रेस, बिहार संपर्क क्रांति और स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट जैसी लोकप्रिय ट्रेनों का हाई स्पीड ट्रेन का दर्जा खत्म हो गया है। इन ट्रेनों की अधिकतम गति फिलहाल 110 किमी प्रति घंटा है, जो अब नए मानक से नीचे है।

सिर्फ अमृत भारत और राजधानी रहेंगी हाई स्पीड (High Speed)

अब मुजफ्फरपुर से गुजरने वाली केवल दो ट्रेनों – अमृत भारत एक्सप्रेस और राजधानी एक्सप्रेस – को ही हाई स्पीड ट्रेन की श्रेणी में रखा गया है। वहीं, मुजफ्फरपुर से शुरू होने वाली किसी भी ट्रेन को अब हाई स्पीड ट्रेन नहीं माना जाएगा, जो यात्रियों के लिए एक निराशाजनक खबर है।

हाई स्पीड (High Speed) ट्रेनों के लिए नए नियम

रेलवे बोर्ड के निदेशक (विद्युत अभियांत्रिकी – चल स्टॉक) विकास आनंद द्वारा भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि हाई स्पीड ट्रेनों में अब सिर्फ वही सहायक लोको पायलट तैनात होंगे, जो कंप्यूटर एडेड ड्राइवर एप्टीट्यूड टेस्ट पास करेंगे और 60,000 किमी का संचालन अनुभव रखते हों। यह कदम सुरक्षा और दक्षता को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

Indian Railway News: छपरा के रास्ते चलने वाली वैशाली एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों से रेलवे ने High Speed का दर्जा छीना

मेमू ट्रेनों से हटेंगे सहायक लोको पायलट

वहीं, रेलवे कवच तकनीक से लैस रूटों पर चलने वाली मेमू ट्रेनों से सहायक लोको पायलट हटाने की तैयारी भी कर रहा है। रेलवे की स्थायी बहुउद्देशीय समिति ने इसकी सिफारिश कर दी है और जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

हाजीपुर से मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर रूट पर कवच सिस्टम का काम तेजी से चल रहा है। इसके पूरा होते ही इन रूटों पर मेमू ट्रेनों में अब सिर्फ लोको पायलट ही रहेंगे।

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यात्रियों को क्या फर्क पड़ेगा?

  • कम रफ्तार की वजह से सफर में अधिक समय लग सकता है
  • हाई स्पीड दर्जा खत्म होने से कुछ रूटों पर कोच अपग्रेडेशन या बेहतर सुविधाएं मिलने की संभावना कम हो सकती है
  • सुरक्षा के लिहाज से नए मानकों के लागू होने से ट्रेनों का संचालन अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित होगा

रेलवे के इस फैसले से जहां एक ओर परिचालन सुरक्षा और गुणवत्ता पर जोर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर यात्री अब अपने पसंदीदा ट्रेनों के हाई स्पीड दर्जे से वंचित रह जाएंगे। यात्रियों को अब तेज रफ्तार सफर के लिए राजधानी या अमृत भारत एक्सप्रेस जैसे विकल्पों की ओर देखना होगा।

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