छपरा के इस मंदिर में मां की मिट्टी रूपी प्रतिमा की होती है पूजा, देवी ने दी थी साक्षात दर्शन

छपरा
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छपरा। सारण जिले के सोनपुर अनुमंडल का आमी गांव शारदीय नवरात्र में बिहार ही नहीं बल्कि देश के अलग अलग राज्यों से आए भक्तों की तपोस्थली बन गया है। भक्तों की माता अंबिका के प्रति अपार श्रृद्धा है। यहां निरंतर जप, तप और होम चल रहा है।

भक्ति की शक्ति को अगर देखना है तो मां अंबिका स्थान पर आकर देखा जा सकता है। आस्था, भक्ति एवं विश्वास की त्रिवेणी यहां आमी मंदिर में प्रवाहित हो रही है। भक्तों को यहां माता शक्ति की असीमित सत्ता का बोध होता है।

नवरात्रि के अवसर पर यहां मां भवानी के दर्शन और पूजन के लिए उत्तर प्रदेश व पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालुओं का भी आगमन होता रहता है।

यह मंदिर उनकी आस्था का केंद्र है। चैत्र और आश्विन नवरात्र पर यहां विशेष पूजन होने की वजह से नौ दिन का मेला लगता है। अष्टमी के दिन का विशेष निशा पूजा मुख्य आकर्षण है। इस स्थान की ख्याति अवधूत भगवान राम, तांत्रिक बाबा गंगा राम समेत अन्य सिद्ध साधकों की तपोस्थली के रूप में भी है। संतान, दीर्घ आयु व सुखमय जीवन के लिए नवविवाहित दंपती यहां चुनरी व प्रसाद चढ़ाने आते हैं।

आमी मंदिर तक इस तरह पहुंचा जा सकता है

मंदिर तक पहुंचने का मार्ग मां अंबिका भवानी का मंदिर पटना – छपरा मार्ग पर आमी गांव में टीले पर स्थित है। पटना से 52 किलोमीटर और दिघवारा स्टेशन व सड़क मार्ग से पांच किलोमीटर दूर छपरा मार्ग पर है। गंगा नदी पहलेजा से आमी तक धनुषाकार हैं। आमी में गंगा नदी उतरायण हैं।

मिट्टी की पिंडी के रुप में विराजती हैं मां अंबिका

भवानी मार्केण्डय पुराण तथा दुर्गासप्तशती में वर्णित है कि कालांतर में राजा सूरथ व समाधी वैश्य ने मिट्टी की भगाकर पिंड बनाकर इसी स्थान पर वर्षों तक पूजा की थी, तब देवी ने प्रकट होकर उन्हें मनचाहा वरदान दिया। इस मंदिर में वही मिट्टी की भगाकर विशाल पिंड आज भी विद्यमान है। मां की मिट्टी रूपी प्रतिमा का प्रतिदिन जल, शहद, घी व चमेली के तेल से अभिषेक किया जाता है। चमत्कार ही है कि मिट्टी रूपी प्रतिमा का एक इंच भी क्षरण नहीं हुआ है।

मंदिर के प्रति लोगों में अगाध श्रद्धा

चुनरी-प्रसाद से विधि विधान से शक्तिस्वरूपा की आराधना करते हैं। दरबार में हाजिरी लगाने वाले भक्तों की मां भवानी मनोकामना पूर्ण करती हैं।मंदिर के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा है। मंदिर में प्रशासन द्वारा विशेष सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। न्यास समिति के वॉलेंटियर भी लगे रहते हैं। सीसीटीवी से असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाती है।