छपरा। दुनिया भले ही 21वीं सदी में पहुंच गई हो, लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास चरम पर है. यह अंधविश्वास कभी-कभी जानलेवा भी हो जाता है. ताज़ा मामला सारण जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र के एकसार गांव की है। जहाँ सर्प दंश से एक व्यक्ति की मौत हो गयी। मृतक की पहचान एकसार गांव निवासी 70 वर्षीय शिव नारायण मांझी के रूप में की गयी है। घटना से संबंध में बताया जा रहा हैं कि वृद्ध व्यक्ति रात्रि में खेत में शौच करने गया था तभी जहरीले सांप ने दंश लिया।
जिसके परिजनों ने अस्पताल ले जाने के बजाय एक तांत्रिक के पास लेकर चले गए. जहां पर घंटो झाड़-फूँक का खेल चला। लेकिन स्थिति में सुधार नहीं होने पर तांत्रिक ने अस्पताल ले जाने की सलाह दी। जिसके एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों परिजनो ने भर्ती कराया जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.
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जिसके बाद घटना की सुचना पर रसूलपुर थाना की पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया। अगर परिजनों ने लापरवाही नहीं की होती और समय रहते अगर बुजुर्ग को अस्पताल लेकर जाते तो शायद जान बच सकती थी।
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ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अंधविश्वास का मकड़जाल काफी फैला हुआ है. सांप काटने के बाद ग्रामीण सबसे पहले इसका इलाज झाड़-फूंक से करवाते हैं. कई बार इत्तेफाक होता है कि झाड़-फूंक से ही पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है. इस कारण लोगों का विश्वास झाड़-फूंक पर और अधिक गहरा होता जाता है. परंतु कई बार झाड़-फूंक के चक्कर में लोगों की जान भी चली जाती है.
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