बिहार

Bhumi Survey: हाईटेक सर्वे से तय होगा अब जमीन का मालिक, ड्रोन कैमरे से नपेगा खेत-खलिहान

पारंपरिक प्रणाली से आधुनिक बदलाव की ओर

पटना। भूमि विवादों से जुड़ी समस्याओं को जड़ से खत्म करने और भूमि मालिकों को स्पष्ट एवं पारदर्शी अधिकार दिलाने के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा “विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त” कार्यक्रम को राज्यभर में लागू किया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी जन-जागरूकता श्रृंखला के तहत इस कार्यक्रम की विशेषताओं, लाभों और पारंपरिक सर्वेक्षण प्रणालियों से इसके भिन्नताओं को आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है।

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क्या है विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त?

विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम, 2011 और नियमावली 2012 के तहत संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य राज्य के सभी भूमि धारकों (रैयतों) के अधिकारों को अभिलेखबद्ध कर उन्हें आधुनिक तकनीकों के माध्यम से अद्यतन नक्शा और खतियान उपलब्ध कराना है।

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इस प्रक्रिया के तहत:

  • सभी भूखंडों की हाई-रिजोल्यूशन कैमरों से हवाई तस्वीरें (एरियल फोटोग्राफी) ली जाती हैं।
  • इन तस्वीरों के आधार पर डिजिटल मानचित्र (मानवीय मैप) तैयार किए जाते हैं।
  • प्रत्येक भूखंड की वर्तमान स्थिति के अनुसार अद्यतन नक्शा और स्वामित्व नाम सहित खतियान बनाया जाता है।
  • इसके बाद बंदोबस्त की प्रक्रिया के अंतर्गत भूमि के प्रकार और उपयोग के अनुसार भूमि कर (लगान) निर्धारित किया जाता है।

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कैसे अलग है यह पूर्ववर्ती सर्वेक्षणों से?

बिहार में भूमि सर्वेक्षण का इतिहास 1890 से शुरू होता है, जब बिहार काश्तकारी अधिनियम, 1885 के तहत 1890 से 1920 के बीच पहला कैडस्ट्रल सर्वेक्षण हुआ था। स्वतंत्रता के बाद रिविजनल सर्वेक्षण कराए गए जो पुराने नक्शों और तकनीकों पर आधारित थे।

वर्तमान विशेष सर्वेक्षण में शामिल हैं:

✅ आधुनिक तकनीक का समावेश (ड्रोन, एरियल फोटोग्राफी, डिजिटल मैपिंग)
✅ हर भूखंड की तस्वीरें और डिजिटल अभिलेख
✅ जमीन के स्वामित्व, प्रकृति, उपयोग, और स्थान का सटीक दस्तावेजीकरण
✅ कर निर्धारण (लगान) की भी पारदर्शी प्रक्रिया


📈 जनहित में व्यापक लाभ

  1. भूमि विवादों की रोकथाम – स्पष्ट स्वामित्व अधिकारों के कारण विवादों की संभावना न्यूनतम हो जाती है।
  2. डिजिटल रिकॉर्ड्स – उपयोगकर्ताओं को भूमि से संबंधित दस्तावेजों की आसान पहुंच।
  3. भविष्य की योजनाओं में सहायक – सरकारी नीतियों, योजनाओं और विकास परियोजनाओं में भूमि की सटीक जानकारी से सुविधा।
  4. प्रशासनिक पारदर्शिता – सरकारी अभिलेखों में अद्यतन और प्रमाणिकता बढ़ती है।

 ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा सभी सेवाओं को डिजिटलीकरण किया जा रहा है। नागरिक https://biharbhumi.bihar.gov.in पोर्टल पर जाकर अपने भूखंड से संबंधित विवरण, नक्शा, खतियान आदि आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। बिहार सरकार द्वारा संचालित विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम राज्य में भूमि सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। पारंपरिक प्रणाली की विसंगतियों से मुक्त होकर अब बिहार एक डिजिटल, सटीक और पारदर्शी भू-प्रबंधन प्रणाली की ओर अग्रसर है।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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