सारण में यहाँ जोगी बाबा से मन्नत मांगने पर निःसंतान को होती संतान की प्राप्ति, पीपल के पेड़ में बांधते है लाल धागा

छपरा
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छपरा। जिले में कई सारे धार्मिक स्थान है जिनके साथ विशिष्ट कहानी जुड़ी हुई है जनश्रुति हैं लोक कथाएं हैं और लोक आस्था भी है लोगों की मान्यता है कि इन देवी देवताओं के दरबार से कोई खाली हाथ वापस नहीं लौटता है ऐसा ही एक अनूठा धार्मिक स्थल है जोगी बाबा का स्थान जो छपरा से नगरा के बीच में अफऊर गांव में मुख्य सड़क के किनारे अवस्थित यहां सालों भर श्रद्धालु भक्तों का ताता लगा रहता है पर शुक्रवार और सोमवार को भारी भीड़ जुटती है।

मनौती पूरी होने पर लोग यहां विशालकाय पीपल और बरगद के पेड़ में लाल कपड़ा बांधते हैं तथा खीर भोजन चढ़ाते हैं। शालू भर यहां भजन कीर्तन चलते रहता है मुख्य सड़क के किनारे अवस्थित होने के कारण आवागमन की सुविधा है।ऐसी मान्यता है कि प्रेत बाधा तथा संतान उत्पत्ति में जिन लोगों को परेशानी होती है वह अगर इस दरबार में आकर मनौती मांगे तो उनकी मुराद जरूर पूरी होती है।यहां पहले एक सिद्ध योगी का आश्रम हुआ करता था जो यहां साधना किया करते थे जो भी व्यक्ति उनके पास अपनी समस्या लेकर आता था उसका निदान करते थे बाद में उन्होंने यही समाधि ले ली। उनकी जटाओं की तरह यहां के बट वृक्ष में चारों तरफ जट्टा बनी हुई है। काफी दूर में फैला हुआ जो लोगों को छाया देने के साथ ही साथ दैवीय कृपा भी प्रदान करता है।

छपरा से नगरा ईश्वरपुर मसरख की तरफ जाने वाले लोग यहां शीश नवाना नहीं भूलते। अब यह स्थान स्टेट हाईवे से भी जुड़ गया है। छपरा से यहां की दूरी 10 से 15 किलोमीटर है।