
छपरा। सारण जिले के ऐतिहासिक एवं आस्था से जुड़े बाबा हरिहरनाथ मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र को विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी सारण अमन समीर ने फेज-1 के अंतर्गत चल रहे कार्यों और प्रस्तावित हरिहरनाथ कॉरिडोर निर्माण योजना के तहत सोनपुर स्थित मंदिर परिसर तथा रिवर फ्रंट क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया।
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निरीक्षण के दौरान उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्त्ता, उप समाहर्ता (भूमि सुधार), सोनपुर के अधिकारी, नगर पंचायत सोनपुर के कार्यपालक पदाधिकारी और संबंधित कंसल्टेंट भी उपस्थित रहे। यह कॉरिडोर परियोजना काशी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर तैयार की जा रही है, जिसका उद्देश्य हरिहरनाथ मंदिर को राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है।
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फेज-2 के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि फेज-2 के अंतर्गत एक सुव्यवस्थित कार्य योजना शीघ्र तैयार की जाए, ताकि रिवर फ्रंट विकास कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। यह रिवर फ्रंट काली घाट से लेकर दीघा पुल तक विकसित किया जाएगा, जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनेगा।
कॉरिडोर क्षेत्र में नए निर्माण पर रोक
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि हरिहरनाथ मंदिर से लेकर काली घाट तक सीमांकित क्षेत्र में जब तक कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक किसी भी प्रकार की नई संरचना के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस दिशा में नगर पंचायत एवं संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह महत्वाकांक्षी परियोजना गंडक और गंगा नदी के संगम स्थल के सौंदर्यीकरण, सुगम यातायात व्यवस्था, आधुनिक सुविधाओं, और पर्यावरणीय संरक्षण को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है। इससे सारण जिले में पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। धार्मिक आस्था से जुड़ा यह क्षेत्र अब एक भव्य तीर्थ स्थल एवं पर्यटन कॉरिडोर के रूप में विकसित होगा, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
उल्लेखनीय है कि बाबा हरिहरनाथ मंदिर ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और सावन व कार्तिक मेलों में लाखों श्रद्धालु यहां जुटते हैं। ऐसे में इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से क्षेत्र की छवि राष्ट्रीय फलक पर उभरेगी।