
छपरा : सारण जिले के सुप्रसिद्ध शिक्षण संस्थान विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में स्वामी विवेकानंद जी के विचारों और आदर्शों से बच्चों को अवगत कराने के उद्देश्य से एक भव्य पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह आयोजन विद्यालय परिसर में विवेकानंद विचार दर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ, जिसमें विद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्वामी विवेकानंद जी के जीवन, उनके विचारों, और उनके आदर्शों से परिचित कराना था, ताकि वे इन्हें अपने जीवन में आत्मसात कर सकें और अपने उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रामकृष्ण मिशन आश्रम के पूज्य स्वामी अतिदेवानंद जी, प्रोफेसर एच. के. वर्मा, और स्वामी विवेकानंद जी के अनुयायी उपस्थित रहे। विद्यालय के निदेशक और रिविलगंज प्रखंड प्रमुख डॉ. राहुल राज और निवर्तमान प्रखंड प्रमुख विपिन कुमार सिंह ने उनका स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।




स्वामी विवेकानंद ने पूरी दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाया
निदेशक डॉ. राहुल राज ने अपने संबोधन में कहा, “स्वामी विवेकानंद केवल एक महान विचारक नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक और आदर्श थे। उनके विचारों ने ना केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाया। उनके जीवन से प्रेरित होकर ही इस संस्थान का नाम विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल रखा गया। हम चाहते हैं कि हमारे छात्र उनके विचारों और आदर्शों को आत्मसात करें और जीवन में अनुशासन, आत्मबल, और नैतिकता के साथ आगे बढ़ें।”
इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन, उनके दर्शन और विचारों से जुड़ी किताबों का अध्ययन किया। कई विद्यार्थियों ने इन पुस्तकों को खरीदकर अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। उनका उद्देश्य था कि वे विपरीत परिस्थितियों में भी स्वामी विवेकानंद के विचारों का अनुसरण करें और अपने लक्ष्यों के प्रति अडिग रहें।
पूरे विद्यालय परिसर में इस पुस्तक प्रदर्शनी को लेकर अपार उत्साह देखा गया। विद्यालय के अध्यक्ष महोदय, निदेशक महोदय, प्राचार्य महोदय, उपप्राचार्य महोदया, मुख्य समन्वयक, अनुशासनिक प्रभारी और समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ-साथ हजारों विद्यार्थियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को सफल और यादगार बना दिया।
इस भव्य आयोजन ने न केवल बच्चों को स्वामी विवेकानंद जी के विचारों से प्रेरित किया, बल्कि उनके जीवन के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।
Publisher & Editor-in-Chief