कलात्मक क्षमता को बढ़ावा देने से होता है बच्चों का मानसिक विकास : डॉ अनिल

छपरा
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संजीवनी संस्कार स्कूल में आर्ट एंड क्राफ्ट का कैम्प लगा कर बच्चों को सिखाया गया कला

छपरा : बच्चों की कलात्मक अभिरुचि एवं रचनात्मक प्रतिभा निखारने के उद्देश्य से शहर के श्यामचक आदर्श कॉलोनी स्थित संजीवनी संस्कार स्कूल में आर्ट एंड क्राफ्ट का कैम्प लगा कर बच्चों को कला सिखाई गई। कैम्प का उदघाटन स्कूल के डायरेक्टर डॉ अनिल कुमार, स्कूल के प्रचार्य रणजीत भगत, ज्योति सिंह, ऋतू ठाकुर, रोहन राय ने संयुक्त रूप से दीप प्रवजलित कर किया। उसके बाद आर्ट कलाकार रोहन राय द्वारा बच्चों को कागज से फूल बनाना, कागज के बैग, लैंप एवं पेड़ के पतियों से चित्र बनाने कि कला को सिखाया गया. बच्चे भी कला सीखने में काफी उत्साहित देखे गए।
बच्चों ने भी ध्यान पूर्वक इसके बारे में जाना. बच्चों को बताया गया की रदी पेपर को कैसे यूज किया जा सकता है। उससे बेकार चीजों से बहुत सारी उपयोगी चीजें बना सकते हैं और इन चीजों का उपयोग करके अपने घर को सजा सकते हैं। आप अपने खिलौने जैसी चीजें बना सकते हैं। जब हम बेकार चीजों का सही तरीके से उपयोग करते हैं तो यह हमारे और हमारे आसपास के लिए बहुत अच्छा हो सकता है। यह आपके घर में बने कचरे को कम करने का एक अच्छा तरीका है।

बच्चों को मानसिक प्रेसर कम करने के लिए और इंजॉय कराने के लिए मोटू पतलू और डांकी डॉल की कहानी सुनाई गई और दिखाई गई। इस मौके पर डॉ अनिल कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों की कलात्मक क्षमता उभर कर सामने आती है। इसलिए ऐसे आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए। रदी कागज के बैग, लैंप एवं अन्य कला कृतियों को बच्चों को सिखाना अच्छा रहा।

क्रियात्मक व कलात्मक गतिविधियों से बच्चों का मानसिक विकास होता है और वह शिक्षण कार्य में भी रूचि लेते है। इसलिए बच्चों की क्रियात्मकता को बढ़ावा देना ही चाहिए। इस मौके पर इस मौके पर रंजीत भगत(प्राचार्य), रितु कुमारी,ज्योति सिंह, ममता कुमारी, अंजलि पर्वत, कुमारी कल्पना, शिशीर श्रीवास्तव, जन्मेजय सिंह,संदीप शर्मा, सीमा मिश्रा,सुरभि कुमारी ,साबिया,पूजा कुमारी, कमलेश कुमार इत्यादि मौजूद थे।