छपरा। सारण के जिला पदाधिकारी अमन समीर एवं पुलिस अधीक्षक, सारण डॉ गौरव मंगला ने कहा है कि दुर्गा पूजा के अवसर उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुगम यातायात तथा सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। अधिकारीद्वय समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में इस विषय पर आयोजित एक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। जिलाधिकारी ने कहा कि पदाधिकारीगण आसूचना तंत्र को सुदृढ़ एवं सक्रिय रखेंगे तथा संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कतामूलक कार्रवाई करेंगे।
बताया गया कि इस वर्ष दिनांक 15 अक्टूबर (रविवार) को शारदीय नवरात्रि का कलश स्थापित होगा। दिनांक 21, 22 एवं 23 अक्टूबर को क्रमशः सप्तमी, महाअष्टमी एवं महानवमी मनाया जाएगा। 24 अक्टूबर को दशहरा (विजयादशमी) है। इन सबके मद्देनजर सुदृढ़ प्रशासनिक तैयारी सुनिश्चित रहनी चाहिए।
विधि-व्यवस्था से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। जिला पदाधिकारी ने बताया कि जिला स्तर से मुख्य-मुख्य स्थलों पर दंडाधिकारियों तथा पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। सभी अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-नियंत्रण के मानकों के अनुसार क्षेत्रीय आवश्यकता का आकलन करते हुए दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की अतिरिक्त प्रतिनियुक्ति करेंगे।
डीएम एवं व एसपी ने अनुमंडलवार तैयारियों की समीक्षा की। अधिकारीद्वय ने अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को ससमय शांति समिति की बैठक आयोजित करने का निदेश दिया। सभी पदाधिकारी संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतेंगे तथा असामाजिक तत्वों के विरूद्ध निरोधात्मक एवं दण्डात्मक कार्रवाई करेंगे। कॉम्युनिकेशन प्लान सुनिश्चित कर विधि-व्यवस्था का संधारण करेंगे।
डीएम एवं व एसपी ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पर्व-त्योहार के मद्देनजर असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखें। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को क्रियाशील रखें तथा अफवाहों का त्वरित खंडन करें।
डीएम अमन समीर ने प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारियों को निदेश दिया कि पूजा समितियों से निरंतर समन्वय बनाएँ रखें तथा सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ सार्थक संवाद कायम रखें। भीड़ की गतिविधियों पर सीसीटीवी से निगरानी करें तथा इस आशय का फ्लैक्स/बैनर जगह-जगह प्रदर्शित करें कि आप सीसीटीवी की नजर में हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम(क्यूआरटी) एवं क्विक मेडिकल रिस्पांस टीम(क्यूएमआरटी) तैनात रखें।
मद्य-निषेध अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों पर महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग पंक्ति बनाना आवश्यक है ताकि श्रद्धालुओं को भी कोई समस्या न हो तथा भीड़ प्रबंधन एवं विधि-व्यवस्था संधारण भी सुगमता से किया जा सके।
सभी संबंधित पदाधिकारी पूजा समितियों से समन्वय कर इसे सुनिश्चित करेंगे।
विदित हो कि दुर्गापूजा के आयोजन के क्रम में जनहित एवं आम जनता की व्यापक सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक दिशा-निर्देश दुर्गापूजा के आयोजकों/व्यवस्थापकों को दिये गये हैं जो निम्नलिखित हैः-
1. पूजा पंडाल में विधिवत अस्थायी विद्युत सम्बद्धता अवश्य लें एवं पंडाल का निर्माण विद्युत तारों से सुरक्षित दूरी पर ही करें जिसे विद्युत अधिनियमों का उल्लंघन नहीं हो।
2. पंडालों की मजबूती का विधिवत जाँच करायी जाए।
3. पूजा पंडाल के निर्माण में अग्नि सुरक्षा नियमों एवं मानकों का अनुपालन किया जाए।
4. पंडाल निर्माण के संबंध में सड़क, जलापूर्ति निकासी, टेलीफोन, बिजली के केबुल तथा सरकारी एवं लोक सम्पत्ति को क्षति न पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाय।
5. पंडाल निर्माण के क्रम में इस बात का ध्यान रखा जाय कि यातायात व्यवस्था प्रतिकूल ढंग से प्रभावित नहीं हो। वाहनों का परिचालन सजावटों के कारण प्रभावित न हो।
6- ध्वनि प्रदूषण यथा लाउडस्पीकर के संबंध में नियमों का अनुपालन किया जाय।
डीएम एवं व एसपी ने कहा कि जनहित में ऐसा किया जाना आवश्यक है। इसके अनुपालन न होने की स्थिति में सभी क्षतियों एवं परिणामों की जिम्मेवारी आयोजकों/व्यवस्थापकों/समितियों की होगी। विधिवत निर्माण हेतु आवश्यक अनापत्ति प्रमाण-पत्र सम्बद्ध विभाग से प्राप्त कर लेना आवश्यक है।
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