
छपरा। जिला निबंधन कार्यालय, छपरा में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री किए जाने की सूचना समाहर्ता अमन समीर को विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई है। जानकारी के अनुसार, 1960, 1961, 1962 सहित पूर्व वर्षों के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज कार्यालय में अनुपलब्ध (मिसिंग) पाए गए हैं। इन्हीं गायब दस्तावेजों के रिकॉर्ड संख्या का उपयोग कर कुछ व्यक्तियों द्वारा अवैध तरीके से जमीन की रजिस्ट्री कराई जा रही थी।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अपर समाहर्त्ता मुकेश कुमार को गहन जांच का आदेश दिया है। उन्हें 28 अप्रैल 2025 की संध्या तक स्पष्ट एवं विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जांच में जो भी कर्मी या पदाधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही, जिला अवर निबंधक, सारण को निर्देशित किया गया है कि एक माह के भीतर जिला निबंधन कार्यालय में उपलब्ध सभी पुराने और मिसिंग दस्तावेजों की सूची तैयार की जाए। यह सूची छपरा नगर निगम तथा सभी अंचलाधिकारियों को प्रदान की जाएगी, ताकि संदिग्ध दस्तावेजों के पुनः उपयोग पर प्रभावी निगरानी रखी जा सके और भविष्य में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।




जिलाधिकारी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य दस्तावेजों की पारदर्शिता और भूमि लेन-देन में जनता के विश्वास को बरकरार रखना है। भविष्य में भी यदि इस प्रकार का कोई मामला सामने आता है, तो त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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