Jamin Registry: जमीन-मकान के निबंधन से बिहार सरकार को 49 हजार करोड़ की आमदनी
दस साल में दस्तावेज निबंधन का राजस्व 3,500 करोड़ से बढ़कर 7,600 करोड़

पटना। बिहार सरकार के लिए दस्तावेज निबंधन (जमीन, मकान और फ्लैट से जुड़ी संपत्तियों का पंजीकरण) लगातार बड़ी आमदनी का स्रोत साबित हो रहा है। पिछले एक दशक (2015-16 से 2024-25) के दौरान इस मद से होने वाला राजस्व दोगुने से अधिक हो गया है। इस अवधि में कुल 1 करोड़ 22 लाख 66 हजार दस्तावेजों का निबंधन हुआ, जिससे राज्य को 49 हजार 606 करोड़ 69 लाख रुपये की आमदनी हुई।
2024-25 में रिकॉर्ड कमाई
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2015-16 में करीब 11 लाख दस्तावेजों से 3,562 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। वहीं, 2024-25 तक आते-आते यह आंकड़ा 16 लाख 61 हजार दस्तावेजों और 7,648 करोड़ 88 लाख रुपये तक पहुँच गया।
- 2023-24 में 14 लाख दस्तावेजों से 6,170 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
- चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितंबर तक ही 7 लाख 57 हजार दस्तावेजों से 3,418 करोड़ 52 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है।
ये आँकड़े साफ दिखाते हैं कि निबंधन की संख्या और उससे होने वाला राजस्व हर साल लगातार बढ़ रहा है।
डिजिटल निबंधन से मिली रफ़्तार
राज्य सरकार ने निबंधन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया है। लोग अब घर बैठे ऑनलाइन निबंधन करा सकते हैं और संबंधित दस्तावेजों को डाउनलोड भी कर सकते हैं। ऑनलाइन भुगतान, स्लॉट बुकिंग और ई-स्टाम्पिंग जैसी सुविधाओं ने इस प्रक्रिया को आसान बनाया है।
निवेशकों का भरोसा और राजस्व में बढ़ोतरी
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल बदलाव के चलते लोगों का भरोसा निबंधन प्रक्रिया पर बढ़ा है। अचल संपत्ति के लेन-देन में पारदर्शिता आने से राजस्व का रिसाव भी रुका है और सरकारी आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
बिहार में दस्तावेज निबंधन से बढ़ता राजस्व यह दर्शाता है कि राज्य न केवल पारदर्शी व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, बल्कि डिजिटल बदलाव से लोगों को सुविधा और सरकार को बेहतर आमदनी मिल रही है।