LIC Income: एलआईसी को 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स रिफंड प्राप्त हुआ है जबकि लगभग 22,000 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी को शुक्रवार को एक शानदार तोहफा मिला। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वर्षों से लंबित एलआईसी रिफंड को मंजूरी दे दी है। इससे एलआईसी को कुल 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा होगा।
अभी जारी हो चुके इतने के ऑर्डर
सीबीडीटी यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेज की ओर से एलआईसी को करीब 22 हजार करोड़ रुपये के रिफंड ऑर्डर इश्यू किए गए. हालांकि रिफंड की कुल रकम 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है. अभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से असेसमेंट ईयर 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए रिफंड ऑर्डर जारी किए गए हैं. ये ऑर्डर मिलाकर 21,740.77 करोड़ रुपये का है. वहीं रिफंड की कुल रकम 25,464.46 करोड़ रुपये है.
एलआईसी के शेयरों में आई तेजी
बीते कुछ दिनों में एलआईसी को शेयर बाजार में भी खूब फायदा हुआ है. शुक्रवार को एलआईसी का शेयर 1.53 फीसदी गिरकर 1,039.90 रुपये पर बंद हुआ. वहीं पिछले 5 दिनों में शेयर का भाव साढ़े सात फीसदी से ज्यादा करेक्ट हुआ है. हालांकि बीते एक महीने के हिसाब से शेयर 17 फीसदी से ज्यादा के और 6 महीने में करीब 60 फीसदी के फायदे में है. हाल ही में इस शेयर ने न सिर्फ पहली बार अपने आईपीओ के स्तर को पार किया, बल्कि लगातार नया उच्च स्तर बनाते हुए 1,175 रुपये तक गया.
एलआईसी का आईपीओ मई 2022 में आया था. आईपीओ का प्राइस बैंड 902 रुपये से 949 रुपये था. कंपनी का आईपीओ कुछ खास नहीं रहा था और शेयरों की लिस्टिंग डिस्काउंट पर हुई थी. बीते कुछ महीनों में आई जबरदस्त तेजी से पहले तक एलआईसी आईपीओ के निवेशक लंबे समय तक घाटे में रहे थे.
इतना बढ़ा है डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन
टैक्स के मोर्चे पर देखें तो सीबीडीटी को गुड न्यूज मिले हैं. सीबीडीटी के आंकड़ों के अनुसार, डाइरेक्ट टैक्स का नेट कलेक्शन चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 15.60 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 20.25 फीसदी ज्यादा है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए टैक्स कलेक्शन के संशोधित अनुमान का 80.23 फीसदी हिस्सा अब तक सरकारी खजाने में आ चुका है. यह आंकड़ा 10 फरवरी तक का है. इस दौरान ग्रॉस डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन 17 फीसदी बढ़कर 18.38 लाख करोड़ रुपये रहा है.