Bihar Road Development:बिहार में सड़कों की बिछेगी जाल, 667 करोड़ की लागत से बनेगी 110KM सड़कें
राज्यभर के 11 जिलों में 18 प्रमुख परियोजनाओं को मिली प्रशासनिक स्वीकृति

पटना। बिहार में अधोसंरचना विकास की दिशा में राज्य सरकार ने एक और ठोस कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महत्वाकांक्षी ‘कनेक्टिविटी मिशन’ के तहत पथ निर्माण विभाग ने राज्य के 11 जिलों में 110.106 किलोमीटर सड़कों और एक बड़े पुल के निर्माण के लिए 667 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। इन परियोजनाओं का मकसद न केवल आवागमन को बेहतर बनाना है, बल्कि कृषि, व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं तक लोगों की पहुंच को और आसान बनाना है।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने जानकारी देते हुए बताया कि इन परियोजनाओं को मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिल चुकी है और अब जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस विज़न की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिसके तहत वर्ष 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना को अधिकतम साढ़े तीन घंटे में जोड़ा जाना है।
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प्रमुख परियोजनाएं और जिलेवार विवरण:
समस्तीपुर जिले में मजबूत होगी ग्रामीण कनेक्टिविटी
मोहिउद्दीननगर (बलुआही) से चकला तक 6.80 किमी सड़क के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए 32.36 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह मार्ग ग्रामीण आबादी को शहरी सुविधाओं से जोड़ने में सहायक होगा।
मधेपुरा में चांदनी चौक से पस्तपार तक सड़क उन्नयन
यह सड़क एनएच-107 को एनएच-106 से जोड़ेगी। 10.813 किमी लंबी इस सड़क पर 37.69 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे प्रमंडलीय यातायात को नई दिशा मिलेगी।
बेतिया प्रमंडल में पुल समेत 14 किमी सड़क निर्माण
बगहा से सेमरा तक का मार्ग गोइटी, मंझरिया, विजयनगर जैसे ग्रामीण व व्यापारिक हब को जोड़ेगा। कुल लागत 64.50 करोड़ रुपये आंकी गई है।
गोपालगंज में बरौली से सुरवर मोड़ तक बेहतर संपर्क
कल्याणपुर होते हुए 7.70 किमी लंबी सड़क के चौड़ीकरण पर 35.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
सहरसा में महुआ बाजार से बसनही तक सड़क निर्माण
9.103 किमी सड़क के लिए 39.44 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवागमन सुगम होगा।
नवादा में दो बड़ी परियोजनाएं
हिसुआ बाईपास (2.90 किमी): जाम से मुक्ति दिलाने वाली यह परियोजना 35.19 करोड़ में बनेगी।
लेधा से अकबरपुर तक 13.70 किमी सड़क: 69.70 करोड़ की लागत से यह मार्ग ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ते हुए SH-103 से संपर्क प्रदान करेगा।
आरा जिले में कुरमुरी से बंधवा तक सड़क
8.890 किमी लंबे इस मार्ग का विकास 33.53 करोड़ की लागत से होगा।
मधुबनी में कमला बलान नदी पर पुल और पहुंच पथ
भदुआर घाट और खैरा घाट के बीच बनने वाला यह पुल 154.12 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। इससे दो प्रमुख प्रखंड आपस में जुड़ेंगे और व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
मोतिहारी में माधोपुर से एनएच-727 तक सड़क चौड़ीकरण
7 किमी सड़क पर 31.70 करोड़ खर्च होंगे, जिससे सीमा क्षेत्रों में संपर्क बेहतर होगा।
दरभंगा में 5 किमी सड़क का उन्नयन
कपछाही से दरगाहा तक की सड़क के उन्नयन पर 39.60 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह मार्ग ग्रामीण जीवन में सुधार लाएगा।
पूर्वी चंपारण में चकिया से मधुबन तक शहरी कनेक्टिविटी
10.20 किमी सड़क के चौड़ीकरण पर 38.57 करोड़ रुपये व्यय होंगे। यह किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगा।
कटिहार में पूर्णिया-कटिहार सड़क का उन्नयन
एनएच-131ए के दलन चौक से कुशवाहा चौक तक 14 किमी सड़क को 55.66 करोड़ रुपये की लागत से चौड़ा किया जाएगा। इससे व्यापारिक आवागमन को नया बल मिलेगा।
राज्य सरकार की रणनीति: ‘हर कोना पटना से जुड़े, हर गली में विकास पहुंचे’
पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य बिहार को ऐसी सड़कों से जोड़ना है जो ना केवल टिकाऊ हों बल्कि आपदा प्रतिरोधी भी हों। सभी परियोजनाओं में क्रॉस ड्रेन, कल्भर्ट और आवश्यक इंजीनियरिंग संरचनाएं शामिल की गई हैं ताकि सड़कें लंबे समय तक टिक सकें और बाढ़ या बारिश के दौरान भी यातायात प्रभावित न हो।
इन योजनाओं से जहां एक ओर ग्रामीण इलाकों को शहरी केंद्रों से जोड़ने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर यह परियोजनाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, व्यापार और प्रशासन जैसे सभी क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होंगी।
667 करोड़ रुपये की लागत से एकसाथ इतने बड़े पैमाने पर सड़क और पुल निर्माण की मंजूरी यह दर्शाती है कि राज्य सरकार बिहार को एक मजबूत बुनियादी ढांचे से लैस करना चाहती है। आने वाले वर्षों में जब ये सड़कें और पुल धरातल पर उतरेंगे, तब न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी।