छपरा। आपने अक्सर सुना होगा कि जहां पर मधुमक्खियों का बसेरा होता है वहां पर रहने वाले लोगों का धन-दौलत में बढोतरी होती है। जिसका जीता-जागता प्रमाण छपरा में देखने को मिला है। सारण में एक ऐसा घर है जहां पांच वर्षों से मधुमक्खियों का कब्जा है। इस घर में रहने वाले लोगों का मधुमक्खियों के साथ दोस्ती वाला रिश्ता कायम हो गया है। यह घर पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। सारण जिले के जलालपुर प्रखंड के सम्होता गांव निवासी सुकवारों देवी के घर पर पिछले 5 वर्षों से मधुमक्खियों का कब्जा है।
इस घर पर 40 से अधिक मधुमक्खियों का छाता हमेशा देखा जा सकता है। सुकवारों देवी के अनुसार किसी बाबा के द्वारा बताया गया था कि घर पर मधुमक्खियों का बसेरा होगा, उसके बाद से मधुमक्खियों का संख्या बढ़ते जा रहा है.सुकवारों देवी ने बताया कि बाबा बोले थे कि जितना ही मधुमक्खियों का संख्या बढ़ेगा उतना ही सुख समृद्धि और संपत्ति में बढ़नती होगा, कहां की बाबा का कहा हुआ आज सत्य हो रहा है.
आज किसी प्रकार की कमी मेरे घर में नहीं है. घर के सभी लोगों को नौकरी मिल चुका है. जिस तरह मधुमक्खियों की संख्या बढ़ रही है.उसी तरह सुख समृद्धि और संपत्ति में वृद्धि हो रहा है.कहा कि बाबा के द्वारा बोला गया था कि उसमें से शहद नहीं निकलना है. जिस नियम को परिवार के लोग पालन करते हैं. जिसके वजह से पूरे घर के बिल्डिंग में मधुमक्खियों का बसेरा हो गया है.
सबसे खास बात यह है कि इस घर में रहने वाले लोगों के साथ मधुमक्खी फ्रेंडली के रूप में रहती है. आज तक किसी प्रकार के नुकसान नहीं पहुंचाई है. घर के सदस्यों के द्वारा मधुमक्खियों के छत्ता से शहद आज तक नहीं निकलवाया गया है. जिसके वजह से मधुमक्खियों का कोई नुकसान नहीं होता है। यही नहीं मधुमक्खियों के लिए सबसे बड़ा आग का धुआं होता है. जो खाना पकाते समय प्रतिदिन निकलता है. शादी विवाह में भी कोयले का धुआ काफी मात्रा में निकलता है. इसके बावजूद भी मधुमक्खी यहां से नहीं जाती है और ना ही किसी प्रकार के लोगों को नुकसान पहुंचती है. इस घर पर मधुमक्खियों की कब्जा जमाने के पीछे एक काफी रोचक कहानी है.
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