छपरा के प्रसिद्ध बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर का है अद्धभुत कहानी, 13 से अधिक महत्माओं ने ले ली थी जिंदा समाधि

छपरा
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

छपरा। सारण शहर के दौलतगंज में एक हजार वर्ष पुराना धर्मनाथ धनी के नाम से प्रसिद्ध शिव मंदिर है. जहां छपरा शहर ही नहीं बल्कि सुदुर गांव से भी लोग भी पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं. खासकर सावन के महीने में श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ जाती है.

जिलेभर से श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए यहां पहुंचते हैं. यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं उनकी मुरादें पूरी होती है. यहां कई महात्माओं ने जिंदा समाधि ले ली थी. जिसके चलते लोगों की आपरा आस्था जुड़ती चली गई है. यहां सावन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं.

यह इलाका पूरी तरह से वन क्षेत्र था. जहां बाबा धर्मनाथ धनी तप किया करते थे. एक दिन उन्हें स्वप्न में भोलेनाथ का दर्शन हुआ. उसके बाद बाबा भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए और विधिवत पूजा-अर्चना करने को कहा.

बाबा धर्मनाथ धनी ने शंकर भगवान का दर्शन प्राप्त करने के उपरांत पूजा-अर्चना की. इसके उपरांत बाबा धर्मनाथ धनी ने जिंदा समाधि ले ली. हालांकि बाबा धर्मनाथ धनी ने पूजा-अर्चना का जो दौर शुरू हुआ वह सिलसिला आज भी कायम है .इन्हीं के नाम पर धर्मनाथ धनी मंदिर रखा गया.

जिंदा समाधि लेने का दौर यहीं नहीं थमा. बाबा धर्मनाथ धनी के बाद सारंग्य नाथ ने भी यहीं जिंदा समाधि यहीं ले ली. उन्होंने बताया कि ऐसे 13 महात्मा हुए जिन्होंने यहां जिंदा समाधि ले ली थी. जिसके बाद से लोगों की आपार आस्था इस मंदिर से जुड़ती चली गई. इन महात्माओं का पिंड आज भी मौजूद हैं.

शंकर भगवान का जो लिंग विराजमान है वह भी इसी स्थान से निकाला गया था. धर्मनाथ धनी का मंदिर में सावन के दौरान लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं के माने तो जो भी सच्चे मन से मन्नत मानते हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.