Bihar Politics: तेजस्वी का ‘खेल’ और मांझी का इशारा, क्या बिहार की सियासत समस्याओं में है घालमेल?

राजनीति
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Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने यह कहकर विधायी मुद्दा गरमा दिया है कि उन्होंने बिहार में खेला है. इसमें जीतन राम मांझी के काम करने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. जीतन राम मांझी द्वारा सीएम की डील के बारे में बताने के बाद एक और चर्चा शुरू हो गई है.

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बिहार विधानमंडल में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का माइंड राउंड, दो मंत्री पदों के लिए दिलचस्पी

मांझी ने राजद के सीएम पद के प्रस्ताव का हवाला हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को दिया.

बिहार सरकार में सीटों का गणित इस हद तक उलझा हुआ है कि फैसला लेने वाली पार्टी पर लगातार तलवार लटक रही है.

पटना. हालांकि राष्ट्रीय जनता दल के सत्ता छोड़ने और जेडीयू और बीजेपी के एक होकर एनडीए सरकार बनाने के बाद बिहार की राजनीति में सब कुछ शांत नजर आ रहा है, लेकिन अंदरूनी राजनीति गरमा गई है. तेजस्वी यादव की इस सफाई के बाद कयासों का बाजार गर्म है कि बिहार में अभी खेल बाकी है. बिहार के राजनीतिक मुद्दों में सबसे बड़ी चर्चा इस बात को लेकर है कि अगर बिहार एम अभी खेला जाना बाकी है तो इस खेल में सबसे बड़ी भूमिका कौन निभाएगा? इस बीच जीतन राम मांझी का ताजा बयान नए बवाल की ओर इशारा कर रहा है.

दरअसल, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने नई सरकार में कैबिनेट के गठन से पहले दो लिपिक पद की मांग करते हुए कहा है कि हमें वास्तव में दो लिपिक पद चाहिए, अगर नहीं तो हमें खत्म कर दिया जाएगा. मांझी ने यह भी कहा कि हमें बॉस पादरी का पद भी ऑफर किया गया था, फिर भी हमने घुटने नहीं टेके क्योंकि हम खरीदे जाने के लिए तैयार नहीं थे.

क्यों महत्वपूर्ण हो गए हैं जीतन राम मांझी?

बिहार में एनडीए सरकार बन चुकी है लेकिन फ्लोर टेस्ट में अभी सात दिन की मोहलत है. इसी तरह ब्यूरो विकास प्रक्रिया को लेकर भी पार्टियों के बीच खींचतान जारी है, ऐसे में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पास चार विधायक हैं. फिलहाल मांझी के चार विधायक पार्टी और प्रतिरोध दोनों के लिए अहम हो गए हैं. राजद और सहयोगियों के आंकड़ों पर नजर डालें तो बहुमत के जादुई आंकड़े को हासिल करने में जीतन राम मांझी की भूमिका अहम हो गई है.

एक बार फिर यह माना जा रहा है कि अगर जीतन राम मांझी को पार्टी से सीएम पद का प्रस्ताव मिलता है तो मांझी का दांव सरकार के लिए भारी पड़ सकता है। जीतन राम मांझी की बारी पर गठबंधन और एनडीए दोनों की नजर है. फिलहाल मांझी कह रहे हैं कि हम एनडीए के साथ रहेंगे लेकिन ये भी सच है कि मांझी लगातार बिहार की राजनीति में कमाल दिखाने के लिए जाने जाते हैं.

किस कारण से महत्वपूर्ण हैं मांझी?

हम, बॉस जीतन राम मांझी, वर्तमान में बिहार सरकार के मुद्दों, एनडीए और फैंटास्टिक यूनियन के दोनों खेमों के लिए हॉट केक हैं। वह राजद को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं और वह एनडीए के लिए भी बेहद खास हैं। दरअसल, जीतन राम की पार्टी HAM के 4 विधायक हैं, अगर इन्हें राजद अपने में शामिल कर ले तो शानदार गठबंधन 118 सीटों का आंकड़ा छू लेगा.

इस मौजूदा स्थिति में राजद के 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक भी शामिल हैं. अगर AIMIM का एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक भी गठबंधन में शामिल हो जाता है तो यह आंकड़ा 120 पर पहुंच जाएगा. हालांकि, दो विधायकों से ही सरकार बनाने की उम्मीद की जाएगी. खबर है कि इसके लिए अंदरखाने कोशिशें भी जारी हैं और ऐसे जेडीयू विधायकों पर दांव खेला जा सकता है जो तेजस्वी को चाहते हैं.