Sonpur Mela: आचार संहिता के साये में सजेगा सोनपुर मेला, परंपरा बरकरार पर राजनीति पर रोक
नेताओं के बैनर-भाषण पर पूर्ण प्रतिबंध

छपरा। बिहार का प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला, जो देश के सबसे प्राचीन और सांस्कृतिक मेलों में शुमार है, इस वर्ष 9 नवंबर से 10 दिसंबर तक आयोजित होगा। विशेष बात यह है कि इस बार मेला आयोजन विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान लागू आदर्श आचार संहिता की अवधि में पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यटन निदेशक, बिहार ने मेला आयोजन की अनुमति तो दी है, लेकिन इसके संचालन और प्रचार-प्रसार पर भारत निर्वाचन आयोग के सभी नियमों का पालन अनिवार्य किया गया है।
राजनीतिक रंग से दूर रहेगा मेला
पर्यटन निदेशक द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मेले से जुड़ी किसी भी प्रचार सामग्री, बैनर, पोस्टर, विज्ञापन या मंचीय कार्यक्रम में किसी मंत्री, जनप्रतिनिधि या राजनीतिक व्यक्ति का नाम, फोटो या संदेश प्रदर्शित नहीं किया जाएगा। निर्देश के अनुसार, आचार संहिता लागू रहने की अवधि में किसी भी राजनीतिक दल या नेता को मेले से संबंधित कोई भाषण देने या प्रचार करने की अनुमति नहीं होगी।
इसके अलावा, भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक मंच या आयोजन के जरिए मेले को राजनीतिक लाभ से जोड़ने की सख्त मनाही रहेगी। जिला प्रशासन और आयोजन समिति को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि आचार संहिता के सभी प्रावधानों का अक्षरश: पालन हो।
परंपरा, संस्कृति और धार्मिक आस्था का केंद्र रहेगा आयोजन
पर्यटन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस बार सोनपुर मेला पूरी तरह सांस्कृतिक, पारंपरिक और धार्मिक स्वरूप में आयोजित होगा। मेले में किसी भी प्रकार की राजनीतिक भागीदारी, उद्घाटन या मंचीय भाषण की अनुमति नहीं दी जाएगी। मेले के मुख्य आकर्षण में इस बार भी पशु हाट, पारंपरिक झूले, हस्तशिल्प और व्यापारिक स्टॉल, लोकनृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल रहेंगे।
जिला प्रशासन ने कहा है कि मेला परिसर में सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधा, पेयजल, बिजली और यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मेला क्षेत्र में पुलिस बल, स्वास्थ्य टीम, एनटीटीएफ कर्मियों और सफाईकर्मियों की पर्याप्त तैनाती की जाएगी।
प्रशासन ने शुरू की तैयारी
सारण जिला प्रशासन ने मेला को सफल, सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। अगले सप्ताह तक मेला क्षेत्र में रोड रिपेयरिंग, टेंट निर्माण, लाइटिंग, पेयजल टैंकर और आपातकालीन मेडिकल कैंप की व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी। इसके अलावा, मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और व्यापारियों की सुविधा के लिए पार्किंग जोन और यातायात नियंत्रण योजना भी तैयार की जा रही है।
आस्था और विरासत का संगम
हर वर्ष की तरह, इस बार भी सोनपुर मेला गंगा और गंडक के संगम तट पर हरिहर क्षेत्र में आयोजित होगा। यहां लाखों श्रद्धालु भगवान हरिहरनाथ की पूजा-अर्चना करने और मेले की रौनक देखने आते हैं। हालांकि इस बार चुनावी माहौल के बीच मेला का स्वरूप कुछ सादा रहेगा, लेकिन आस्था और परंपरा की भव्यता पहले की तरह बरकरार रहेगी।



