बिहार

कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति से गांवों में खड़े होंगे नए उद्योग, निवेशकों को मिलेगी सब्सिडी

25 लाख से 5 करोड़ तक की परियोजनाओं को मिलेगा सरकारी सहारा

पटना। राज्य सरकार बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत कृषि प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। इस नीति के तहत राज्य में मखाना, शहद, फल और सब्जियां, मक्का, बीज, औषधीय एवं सुगंधित पौधे और चाय से संबंधित कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना या विस्तार के लिए के लिए अनुदान दिया जा रहा है।

सभी पात्र व्यक्ति या प्रोप्राइटरशिप, साझेदारी फर्म, सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी), किसान उत्पादक कं इस नीति के जरिए राज्य सरकार कृषि के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना चाहती है ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सके। साथ ही किसानों की आय को बढ़ाने के लिए भी राज्य सरकार प्रयासरत है, यह नीति इसी कड़ी लाई गई है।

न्यूनतम 25 लाख रुपए और अधिकतम 5 करोड़ रुपए वाली परियोजनाएं इस नीति के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगी। पूंजीगत सब्सिडी सहायता पूरी तरह से ऋण से जुड़ी होगी और बैंक या वित्तीय संस्थान से मियादी ऋण परियोजना लागत के 20 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।

इन्हें मिलेगा अतिरिक्त अनुदान

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अत्यंत पिछड़े वर्ग (ईबीसी) के निवेशकों को 5 प्रतिशत अतिरिक्त पूंजीगत अनुदान मिलेगा। वहीं महिला उद्यमी, एसिड अटैक पीड़ित, युद्ध विधवाएं, दिव्यांग और तृतीय लिंग के निवेशक 2 प्रतिशत अतिरिक्त पूंजीगत अनुदान का लाभ उठा सकते हैं।

आवेदन के लिए ये कागजात है जरूरी

आवेदक के पास भूमि का स्वामित्व या कम से कम 30 वर्षों के लिए पंजीकृत पट्टा अनुबंध होना चाहिए, जिसे स्व-सत्यापित भूमि दस्तावेजों द्वारा समर्थित किया गया हो। परियोजना भूमि के लिए सक्षम प्राधिकारी से भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की अनुमति आवश्यक है। इस संबंध में अधिक जानकारी कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय की वेबसाइट या इसके कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।

News Desk

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