Railway Double Line: रेलवे ट्रैक विस्तार से ट्रेनों को मिली 110KM की गति, यात्रियों को राहत
यात्रियों और व्यापार को होंगे ये बड़े लाभ

रेलवे डेस्क। पूर्वोत्तर रेलवे (NER) के बनारस रेल मंडल में रेल ट्रैक के दोहरीकरण और सुदृढ़ीकरण ने ट्रेनों की रफ्तार को पंख लगा दिए हैं। अब बनारस से गोरखपुर और छपरा जाने वाले यात्रियों को तेज, सुरक्षित और भीड़मुक्त यात्रा का अनुभव मिलेगा।
रेल प्रशासन ने कुल 192 किलोमीटर ट्रैक का दोहरीकरण और मजबूतीकरण कार्य पूरा किया है, जिससे ट्रेनों की अधिकतम गति 100 किमी/घं. से बढ़कर 110 किमी/घं. कर दी गई है। इससे यात्रा का समय औसतन 15 से 30 मिनट तक कम हो गया है।
प्रमुख आंकड़े और तकनीकी उपलब्धियां
बिंदु | विवरण |
---|---|
कुल रेल लाइन लंबाई | 1223.522 किमी |
डबल लाइन की लंबाई | 779.982 किमी |
कुल स्टेशन | 114 |
ट्रैक गति (नई) | 110 किमी/घं. |
ट्रैक गति (पहले) | 100 किमी/घं. |
समय की बचत | 15 से 30 मिनट तक |
यात्रियों और व्यापार को होंगे ये बड़े लाभ:
- समय की बचत: तेज ट्रेनों से यात्रा में कम समय लगेगा।
- अधिक ट्रेनों का संचालन: ट्रैक की क्षमता बढ़ने से नई ट्रेनों की शुरुआत आसान।
- भीड़ में कमी: खासकर गोरखपुर-छपरा रूट पर यात्रा होगी आरामदायक।
- मालगाड़ी संचालन में गति: उद्योगों और व्यापारियों को मिलेगा सीधा फायदा।
क्या बोले डीआरएम?
“रेल ट्रैक की क्षमता बढ़ने से यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हर यात्री को तेज, सुरक्षित और समयबद्ध यात्रा का अनुभव मिले।” — विनीत कुमार श्रीवास्तव, डीआरएम, बनारस मंडल |
भविष्य की योजनाएं भी तेज़ रफ्तार पर:
- अब तक 197 किमी ट्रैक का दोहरीकरण पूरा हो चुका है।
- 157 किमी खंडों में काम जारी है — चौरी चौरा-सहजनवा, भटनी-इंदारा, और औड़िहार-जाफराबाद मार्गों को भी जल्द ही अपग्रेड किया जाएगा।
- रेलवे हर महीने औसतन 10 किमी ट्रैक को अपग्रेड कर रहा है।
रेलवे के बदलाव की दिशा:
ट्रैक विस्तार के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों के बुनियादी ढांचे को भी आधुनिक बनाया जा रहा है, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा, स्वच्छता और डिजिटल अनुभव प्राप्त हो।
रेल ट्रैक विस्तार और गति वृद्धि से बनारस रेल मंडल अब एक नई ऊर्जा और संरचना के साथ देश के रेल नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह पहल यात्रियों के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास, उद्योग और व्यापार के लिए भी गति और ग्रोथ का प्रतीक बन चुकी है।