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पटना। बिहार सरकार अब 14 से 18 वर्ष की उम्र के किशोर मजदूरों को भी मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 रुपये का अनुदान देगी। यह अनुदान बाल श्रमिकों और किशोर मजदूरों के पुनर्वास के लिए दिया जाएगा। श्रम संसाधन विभाग ने गुरुवार को इस योजना की जानकारी दी।
नए नियमों के तहत विस्तार
श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद ने बताया कि बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत पहले केवल 14 साल से कम उम्र के बाल श्रमिकों को ही यह आर्थिक सहायता दी जाती थी। लेकिन हाल ही में सरकार ने इस नियम में बदलाव किया है। अब 14 से 18 वर्ष के किशोर मजदूर, जिनका विवरण चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम (CLTS) में दर्ज है, उन्हें भी 25,000 रुपये का अनुदान मिलेगा।
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बाल श्रमिकों के पुनर्वास की पहल
सरकार बाल श्रम के उन्मूलन और बच्चों के पुनर्वास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अनुदान के अलावा, सरकार शिक्षा के लिए प्रोत्साहन, नियोजकों से मुक्ति और राहत योजनाओं से जोड़ने जैसे उपाय भी कर रही है।
बाल श्रम उन्मूलन के लिए विशेष अभियान
हालांकि इस योजना के बावजूद बिहार में बाल श्रम पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इसे रोकने के लिए सरकार ने पिछले साल जागरूकता अभियान तेज करने का फैसला लिया था। अब मुखिया और सरपंच जैसे जनप्रतिनिधियों की मदद से बाल श्रमिकों की पहचान और मुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
सरकार के इस फैसले से किशोर मजदूरों को आर्थिक मदद मिलने के साथ-साथ उनके पुनर्वास की प्रक्रिया को भी मजबूती मिलेगी।
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