• राज्यस्तरीय टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का किया मूल्यांकन
• कायाकल्प योजना से स्वास्थ्य सेवाओं को किया गया सुदृढ़
• दो सदस्यीय टीम ने सभी विभाग का किया असेस्मेंट
छपरा। कायाकल्प योजना, केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। कायाकल्प योजना का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को स्वच्छ, सुरक्षित और उच्च मानकों के अनुरूप बनाना है। स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता व संक्रमण नियंत्रण संबंधी मानकों को मजबूती प्रदान करना है। जिले के स्वास्थ्य संस्थानों का कायाकल्प योजना के तहत प्रमाणित किया जाना है। इसी कड़ी में राज्यस्तरीय दो सदस्यी टीम ने मांझी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन किया। टीम में राज्य स्वास्थ्य समिति के भावना, यूनिसेफ से राजकमल शर्मा शामिल थे। टीम ने अस्पताल का साफ-सफाई व स्वच्छता संबंधी इंतजाम, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, संक्रमण नियंत्रण संबंधी उपाय व चिकित्सकीय उपकरणों के रख-रखाव संबंधी इंतजाम का बारिकी से मुआयना किया।
दवा की उपलब्धता और रख-रखाव, टीकाकरण, प्रसव कक्ष, एएनसी रूम, पीएनसी रूम, ओपीडी , जांच घर का गहनता से जांच किया गया तथा चिकित्सकों और कर्मियों से टीम ने पूछताछ की। साथ हीं रजिस्टर और डक्यूमेंट की जांच की गयी। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने मुख्य रूप से तीन तरह की सुविधाओं पर फोकस किया है। जिसके तहत स्वच्छता(हाईजीन), बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, हॉस्पिटल इंफेक्शन, मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का उत्तम व्यवहार , जिस पर अस्पताल प्रशासन को कार्य करना शामिल है। इस दौरान टीम के सदस्यों ने मौजूद चिकित्सकों, नर्स, एएनएम और सफाई कर्मचारियों से भी पूछताछ की। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेशचंद्र कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रोहित कुमार, डॉ. आशुतोष कुमार, बीएचएम राम मूर्ति, बीसीएम विवेक कुमार, बीएमएंडई, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन समेत अन्य चिकित्सक, नर्स, व कर्मी मौजूद थे।
मांझी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को मिल रही है गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा:
मूल्यांकनकर्ता राजकमल शर्मा और भावना ने बताया कि मांझी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की तुलना में व्यवस्था काफी अच्छी है। यहां पर मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सुविधाएं मिल रही है। यहां पर मरीजों के हर जरूरत को ख्याल रखा जा रहा है। छोटी-छोटी कमियां पायी गयी है जिसे दुरूस्त करने का निर्देश दिया गया है। कायाकल्प योजना के अंतर्गत अस्पतालों में स्वच्छता, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, और अस्पताल संक्रमण नियंत्रण जैसे मानकों का पालन अनिवार्य है। इन मानकों के आधार पर अस्पतालों का मूल्यांकन किया जाता है, और अच्छे प्रदर्शन पर उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य संस्थानों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाना, और मरीजों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।
मरीजों को मिल रही है सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं :
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रोहित कुमार ने कहा, “कायाकल्प योजना से न केवल स्वास्थ्य संस्थानों की छवि में सुधार हो रहा है, बल्कि इससे मरीजों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं भी मिल रही हैं। सीएचसी मांझी इस अंकेक्षण में अपनी प्रतिबद्धता और तैयारियों के साथ खरा उतरेगा। हमारी प्राथमिकता है कि हर मरीज को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में इलाज मिले।” मांझी सीएचसी ने कायाकल्प योजना के तहत मरीजों को बेहतर सेवाएं देने और स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। अंकेक्षण टीम ने अस्पताल प्रशासन की तैयारियों की सराहना की और इसे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण और सेवा गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 2015 में “कायाकल्प योजना” की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी अस्पतालों को स्वच्छ, सुरक्षित और मरीजों के लिए अनुकूल बनाना है। इसमें संस्थानों का आकलन तीन चरणों में किया जाता है-आंतरिक मूल्यांकन, पियर असेसमेंट, और राज्यस्तरीय अंकेक्षण। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों को वित्तीय प्रोत्साहन और प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किए जाते हैं।
कायाकल्प प्रमाणीकरण के लिए चाहिए 70 प्रतिशत अंक
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेशचंद्र कुमार ने बताया कि कायाकल्प कार्यक्रम के अनुरूप निर्धारित मापदंड के आधार पर विकसित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम सामूहिक रूप से प्रयास कर रहा है। दरअसल कायाकल्प कार्यक्रम के तहत अव्वल सेवा व सुविधा और व्यवस्था वाले अस्पताल को प्रथम स्थान पाने पर अस्पताल प्रबंधन को 1 लाख रुपए का इनाम मिलेगा। द्वितीय स्थान आने पर 50 हजार रुपया मिलता है। तृतीय स्थान हासिल करने वाले स्वास्थ्य केंद्र को 35 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कायाकल्प योजना के अंतर्गत अस्पतालों में स्वच्छता, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, और अस्पताल संक्रमण नियंत्रण जैसे मानकों का पालन अनिवार्य है। इन मानकों के आधार पर अस्पतालों का मूल्यांकन किया जाता है, और अच्छे प्रदर्शन पर उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता है।
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