• रिविलगंज पुलिस ने तीन मृत व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज किया
• दोनों आंख से अंधे व्यक्ति को भी बनाया आरोपी
छपरा। अगर आपको कहा जाए कि क्या कोई व्यक्ति मौत के बाद स्वर्ग लोक से धरती पर आ सकता है तो आपका जवाब होगा नहीं। लेकिन ऐसा ही हुआ है सारण जिले के रिविलगंज थाना क्षेत्र में सदियों से चलती आ रही रिविलगंज के मूर्ति विसर्जन का मेला अपने आप में महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां के लोगों का कहना है कि मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे और आर्केस्ट्रा का डांस कराना परंपरा है। प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद पूजा समिति के लोगों के द्वारा मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे बजाया गया तथा आर्केस्ट्रा डांस कराया गया। इसके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। रिवीलगंज के अंचलाधिकारी संगीता कुमारी के आवेदन पर रिविलगंज थाना प्रभारी ओमप्रकाश चौहान के द्वारा मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे बजाने आर्केस्ट्रा डांस करने तथा लाइसेंस के शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में आखड़ा नंबर 3 को छोड़कर सभी आखड़ा के पूजा समिति के सदस्यों में 138 नामजद तथा 1000 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया। लेकिन इस एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में पुलिस ने अंधा कानून होने के कहावत को चरितार्थ कर दिया। आखड़ा नंबर 4 में 9 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज किया गया।
इस प्राथमिकी में ऐसे लोगों को नामजद किया गया है। जिनकी मौत हो चुकी है। तीन मृत व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है। आखड़ा नंबर चार में लोकनाथ ठाकुर सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव, प्रभु राय, बबन चौधरी, प्रेमनाथ चौधरी, बालेश्वर राय, दीनानाथ प्रसाद, हरे राम सिंह, रामनाथ चौधरी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज किया गया है।ये सभी लोग रिविलगंज थाना क्षेत्र के सेमरिया के रहने वाले है। जिसमें से प्रेम नाथ चौधरी, सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव और रामनाथ चौधरी कि पहले ही मौत हो गयी है।
प्रेमनाथ चौधरी के पुत्र गोविंद कुमार ने बताया कि मेरे पिता की मौत 29 अक्टूबर के 4:00 सुबह हो गई थी। अंतिम संस्कार करने के बाद दोपहर में मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम शुरू हुआ। लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। पुलिस ने किस आधार पर एफआईआर दर्ज किया है यह तो नहीं मालूम।
वहीं रामनाथ चौधरी की बेटी श्रद्धा देवी ने बताया कि मेरे पिता की मौत 6 माह पहले ही हो चुकी है। पहले वह पूजा समिति के अध्यक्ष थे लेकिन तबीयत खराब होने के कारण हुआ पूजा समिति का अध्यक्ष से हट गए थे और उनकी मौत छह माह पहले ही हो गई है और हाल में मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे बजाने तथा आर्केस्ट्रा नाचने को लेकर एफआईआर दर्ज कर दिया गया है। पुलिस के द्वारा बिना किसी सत्यापन के ही एफआईआर दर्ज किया गया है। वहीं सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव की बहू ममता देवी ने बताया कि मेरे ससुर की मौत 1 साल पहले ही हो चूका है। इसके बावजूद भी उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया है।
दोनों आँखों से अंधे बबन चौधरी भी बनाये गए है आरोपी :
वहीँ पुलिस के द्वारा दोनों आंखों की रोशनी को चुके बुजुर्ग व्यक्ति बबन चौधरी को भी आरोपी बनाया गया है। जिन पर लाइसेंस के शर्तों का उल्लंघन करना डीजे बजाना तथा आर्केस्ट्रा नाच करने के आरोप में अलग-अलग धाराओं में प्राथमिक की दर्ज किया गया है। बबन चौधरी ने बताया कि करीब 5 वर्षों से दोनों आंखों से अंधे हैं उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता है। उनके घर के लोग हाथ पकड़ कर ले जाते हैं तो कहीं आते-जाते हैं। लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर दिया है। ऐसे में अब सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर पुलिस किस आधार पर मृत व्यक्तियों तथा अंधे व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया है।
क्या कहते है एसपी :
सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव मंगला ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे बजाने तथा आर्केस्ट्रा नाच कराने वह लाइसेंस के शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज किया गया है। जिन मृत व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है उसकी जांच कराई जाएगी कि आखिर किस आधार पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है।
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