Bihar Cabinet: बिहार में 149 AC और Non-AC बसों की होगी खरीदारी, सरकार देगी 20 लाख का अनुदान
नीतीश कैबिनेट ने AC और Non-AC बसों की खरीद को दी मंजूरी

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार के परिवहन क्षेत्र को लेकर एक बड़ा और दूरगामी फैसला लिया गया। राज्य सरकार ने बिहार में सुगम, सुरक्षित और किफायती परिवहन सेवा को बढ़ावा देने के लिए AC और Non-AC बसों की नई खेप खरीदने को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से राज्य में खासकर ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों तक आवागमन आसान होगा, साथ ही अंतरराज्यीय सफर में भी यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
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🚌 कितनी बसें, कितनी लागत?
श्रेणी | बसों की संख्या | प्रति बस लागत | कुल लागत (अनुमानित) | सहायक अनुदान राशि |
---|---|---|---|---|
नॉन-AC बस (राज्य मार्ग हेतु) | 74 | ₹68 लाख | ₹50.32 करोड़ | ₹50.32 करोड़ |
AC बस (अंतरराज्यीय मार्ग हेतु) | 75 | ₹74 लाख | ₹55.50 करोड़ | ₹55.50 करोड़ |
💸 निजी बस संचालकों को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन
राज्य सरकार अब अंतरराज्यीय मार्गों पर निजी भागीदारी को भी बढ़ावा दे रही है। इसके तहत निजी बस ऑपरेटरों को AC बस की खरीद पर प्रत्येक बस के लिए ₹20 लाख का प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा।
इस कदम से:
- अंतरराज्यीय मार्गों पर यात्रियों को बेहतर और आरामदायक यात्रा का विकल्प मिलेगा।
- निजी क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा जिससे रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।
- सरकार और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी आधारित परिवहन मॉडल को बल मिलेगा।
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🚍 योजना का उद्देश्य और संभावित लाभ
- ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों को शहरी नेटवर्क से जोड़ना।
- सस्ती, टिकाऊ और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सशक्त बनाना।
- बिहार के नागरिकों को बेहतर यात्रा अनुभव देना – चाहे वे राज्य के भीतर हों या बाहर यात्रा कर रहे हों।
- निजी परिवहन व्यवसाय को सहारा देकर स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देना।
राज्य की अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर को भी गति मिलेगी
बिहार राज्य परिवहन विभाग के अनुसार, ये बसें सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को मजबूती देंगी। इन बसों में सुरक्षा, सीटिंग आराम, जीपीएस ट्रैकिंग और डिजिटल टिकटिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं भी देने की योजना है। नीतीश सरकार के इस फैसले से न केवल राज्य की परिवहन सेवाएं आधुनिक होंगी, बल्कि यात्रियों को सस्ता, सुलभ और आरामदायक सफर भी मिलेगा। साथ ही, निजी ऑपरेटरों की भागीदारी से राज्य की अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर को भी गति मिलेगी।