• किसी भी परिस्थिति में 20 साल से कम उम्र व्यक्तियों का नहीं लिया जायेगा सैंपल
• 300-300 लोगों का ब्लड सैँपल कलेक्ट करने का लक्ष्य निर्धारित
• आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविकाओं को जागरूक करने की जिम्मेदारी
गोपालगंज। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए नाइट ब्लड सर्वे अभियान की शुरूआत 4 नवंबर की रात्रि से की गयी। अभियान में सामुदायिक सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए सीफार के द्वारा गांव स्तर पर बनाये गये फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्यों के द्वारा घर-घर जाकर जागरूक किया जा रहा है तथा नाइट ब्लड सर्वे के दौरान सैंपल जांच कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। 4 से 12 नवंबर तक सर्वे होना है जिसके लिए समुदाय को पेसेंट सपोर्ट नेटवर्क के द्वारा बैठक कर तथा घर घर घूमकर जागरूक किया जा रहा है।
विभाग के द्वारा 14 सेंटिनल साइट तथा 14 रैंडम साइट पर नाइट ब्लड सर्वे के लिए चुना गया है। बरौली में मठिया टोला पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क से सुशीला देवी, सरस्वती देवी, शिवनाथ यादव तथा ओमप्रकाश साह के द्वारा नाइट ब्लड सर्वे साइट देवापुर में तथा मुगल बिराईचा पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क सदस्य सीमा कुमारी, सहाबू नेसा, संगीता कुमारी तथा ईश्वर शरण प्रसाद के द्वारा सुंदर नगर नाइट ब्लड साइट पर लोगो को मोबलाइज किया जा रहा है। सिधवलिया प्रखंड के मटौली पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्य सुनिता देवी, लखी देवी, मनोरंजन राम, सधुनी के मठ पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क से रामअश्रय राम, विश्वनाथ राय, पशुराम प्रसाद, करासघाट नेटवर्क की सदस्य रीणा देवी और शांति देवी लोगों को जागरूक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निवर्हन कर रही है।
प्रखंडस्तर पर किया जायेगा सुपरविजन:
सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र प्रसाद ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नाइट ब्लड सर्वे अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान सिविल सर्जन ने कहा कि नाइट ब्लड सर्वे अभियान की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएच और सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों के द्वारा सुपरविजन किया जायेगा। इसके साथ प्रत्येक दल के लैब टेक्निशियन 24 घंटे के अंदर स्टेनिंग और 7 दिनों के अंदर माइक्रोस्कोपिक जांच करना सुनिश्चित करेंगे। सीएस ने निर्देश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में 20 साल से कम उम्र के व्यक्तियों का ब्लड सैंपल नहीं लिया जायेगा और 8 बजे रात्रि के पहले सैँपलिंग का कार्य शुरू नहीं होगा।
20 वर्ष से अधिक उम्र के 300 लोगों का लिया जायेगा सैंपल:
केयर इंडिया के डीपीओ आनंद कश्यप ने बताया कि ने बताया कि सभी प्रखंड में दो-दो साइट बनाए गए हैं। एक सेंटिनेल और दूसरा रैंडम साइट। जहां पर फाइलेरिया के अधिक केस मिले हैं वहां पर सेंटिनेल साइट बनाए गए हैं। इसके अलावा वैसी जगहों पर भी साइट बनाए गए हैं, जहां पर फाइलेरिया के कम मरीज मिले हैं। ऐसी जगहों पर रैंडम साइट बनाए गए हैं। नाइट ब्लड सर्वे के दौरान एक साइट पर 20 वर्ष से अधिक उम्र के 300 लोगों की जांच की जाएगी। नाइट ब्लड सर्वे के सुपरविजन में केयर इंडिया, पीसीआई और सीफार के द्वारा सहयोग किया जायेगा।
फाइलेरिया के परजीवी रात में ही होते हैं सक्रियः
नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। इसे प्रयोगशाला भेजा जाता है और रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। फाइलेरिया के परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता । इससे फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जाता है।
Publisher & Editor-in-Chief