फाइलेरिया उन्मूलन में सामुदायिक सहभागिता पर विशेष जोर, नेटवर्क के सदस्यों ने किया जागरूक

छपरा
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• फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा सेवन के प्रति किया गया जागरूक
• फाइलेरिया पेशेंट और कालाजार पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क सदस्यों उठाया जागरूकता का बीड़ा
• समाज से फाइलेरिया बीमारी को दूर करने का संकल्प

छपरा। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसको लेकर विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। फाइलेरिया से बचाव के लिए जिले में दवा सेवन कार्यक्रम अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान में सामुदायिक सहभागिता को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग के प्रयास का सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। जिले में नवंबर माह में फाइलेरिया से बचाव के लिए आईडीए दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जायेगा।

सारण जिले के गड़खा प्रखंड के रहमपुर में फाइलेरिया और कालाजार नेटवर्क के सदस्यों के द्वारा गांव स्तर पर सामुदायिक बैठक कर दवा सेवन के प्रति जागरूक किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य था कि फाइलेरिया रोग की गंभीरता को जन-समुदाय के बीच रखा जाए। जिससे लोग इस गंभीर बीमारी के प्रति सतर्क रहें और समय पर दवा का सेवन कर इसे समाप्त करने में अपनी भूमिका निभाएं। बैठक में सरस्वती पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्य रवि कुमार ने जागरूक करते हुए बताया कि विभाग का प्रयास है कि समाज से फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को खत्म किया जाये। यह जिम्मेदारी सिर्फ विभाग की नहीं है, बल्कि हम लोगों की जिम्मेदारी है विभाग के साथ कदम से कदम मिलाकर चले और फाइलेरिया बीमारी को खत्म करने अपना सहयोग दें। रवि कुमार ने बताया कि जिले में दवा सेवन कार्यक्रम चलना है। जिसमें हम सभी दवा का सेवन करना है तथा दवा सेवन के लिए अपने परिवार के अन्य सदस्य व आसपास के लोगों को भी प्रेरित करना है।

 

सामूहिक रूप से फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से लड़ना होगा:

हम सब लोगों को इस दायित्य को समझते हुए सामूहिक रूप से फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से लड़ना होगा और इसे पूरी तरह समाप्त करना होगा। मुझे पैर में फाइलेरिया है। यह बीमारी काफी पीड़ादायक है। रात-रात भर दर्द से निंद नहीं आती है। मेरी बहू को भी यह बीमारी है। लेकिन हम सब चाहते है कि जो पीड़ा हम और मेरा परिवार महसूस कर रहा है वो गांव के अन्य लोगों को न हो उसके लिए हम लोग प्रयास कर रहे है। ताकि अधिक से अधिक लोग दवा का सेवन करें और बीमारी से बचाव हो सके।

कमला देवी, फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य, रहमपुर

जिस पीड़ा से मेरी जीवन गुजर रही है वो किसी को न हो:

मुझे कई वर्षो से दोनों पैर में फाइलेरिया बीमारी है। दोनों पैर सूजा हुआ रहता है। चलने-बैठने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। शरीरिक पीड़ा के साथ-साथ मानसिक पीड़ा भी झेलना पड़ता है। नेटवर्क के माध्यम से गांव के अन्य लोगों को जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है। ताकि सभी लोग दवा का सेवन करें और इस गंभीर बीमारी से बचाव कर सके।

शांति देवी, नेटवर्क सदस्य, रहमपुर

15 वर्षों से मर-मर के जी रहे हैं:
मैं 15 वर्षो से फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी का कलंक लेकर जी रहा हूं। जीवन काफी कष्टदायक हो गयी है। बहुत इलाज कराया लेकिन ठीक नहीं हुआ। दोनों पैर में यह बीमारी है। हम अपने अनुभव से लोगों को इसलिए जागरूक कर रहे है ताकि ये दर्द और कष्ट उनके जीवन में न आये। मेरी बीमारी तो ठीक नहीं हो सकती है। लेकिन मेरा संकल्प है कि आने वाली पीढ़ी और वर्तमान पीढ़ी के लोगों को यह बीमारी न हो उसके लिए जागरूक करें। दवा सेवन अभियान चलने वाला है उसमें हमलोग विभाग को सहयोग करेंगे ताकि गांव और समाज से यह कलंक मिटा सके।

त्रिपुरारी महतो, फाइलेरिया मरीज